व्रज – चैत्र शुक्ल द्वितीया, बुधवार, 10 अप्रैल 2024
आज की विशेषता :- आज के वस्त्र श्रृंगार एच्छिक श्रृंगार है.
- ऐच्छिक श्रृंगार उन दिनों में धराया जाता है जिन दिनों के लिए श्रीजी की सेवा प्रणालिका में कोई श्रृंगार निर्धारित नहीं होता है.
- इसकी प्रक्रिया के तहत प्रभु श्री गोवर्धनधरण की प्रेरणा सर्वोपरि है जिसके तहत मौसम के अनुसार तत सुख की भावना से पूज्य तिलकायत श्री की आज्ञा के अनुसार मुखियाजी के द्वारा श्रृंगार धराया जाता है.
श्रीजी दर्शन
- साज
- आज श्रीजी में श्याम रंग के छापा की सुनहरी किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है.
- गादी, तकिया एवं चरणचौकी के ऊपर सफ़ेद बिछावट की जाती है.
- जडाऊ स्वर्ण के एक पडघा पर बंटाजी में बीड़ा व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है.
- सम्मुख में धरती पर त्रष्टि धरी जाती हैं.
- वस्त्र
- आज श्रीजी को लाल रंग की धोती के ऊपर श्याम रंग के छापा के खुलेबंध के चाकदार वागा एवं चोली धराये जाते हैं.
- सभी वस्त्र रुपहली ज़री की किनारी से सुसज्जित होते हैं.
- ठाड़े वस्त्र गुलाबी रंग के धराये जाते हैं.
- श्रृंगार
- आज प्रभु को छेडान का (कमर से थोड़ा नीचे तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
- स्वर्ण व मोतियों के सर्व आभरण धराये जाते हैं.
- श्रीमस्तक पर लाल रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, जमाव का कतरा, तुर्री सुनहरी तथा बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.
- श्रीकर्ण में दो जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.
- आज कमल माला धरावे.
- श्वेत एवं गुलाबी पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
- श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, चांदी के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं.
- पट श्याम व गोटी चाँदी की आती है.
- श्रीजी की राग सेवा:
- मंगला : लालन रहिये जाओ जाके रस
- राजभोग : जब श्याम अभिराम मुरली
- आरती : कुसुम गुलाब महल में बैठे
- शयन : श्याम कपोलन कनक कुंडल झाई
- मान : छांड दे मननी श्याम संग
- पोढवे : श्याम जू सुख सेज
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है जैसे कि मंगला, राजभोग, आरती एवं शयन दर्शन में आरती उतारी जाती है.
- नित्य नियमानुसार मंगलभोग, ग्वालभोग, राजभोग, शयनभोग में विविध सामग्रियों का भोग आरोगाया जाता है.
जय श्री कृष्ण
………………………
https://www.youtube.com/c/DIVYASHANKHNAAD
………………………