रेलमगरा दरीबा में महज 20 दिन में बन कर तैयार हुआ संभाग का सबसे बड़ा कोविड-19 अस्पताल
राजसमन्द 22 मई / जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने जिले के रेलमगरा दरीबा में दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालय दरीबा में डेडिकेटेड 325 आक्सीजन बैड के कोविड अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया ।
जिला कलक्टर पोसवाल ने इस अवसर पर चिकित्सालय सभी आवश्यक व्यवस्था को सुचारू कर कोविड रोगियों की विधिवत भर्ती प्रक्रिया सोमवार से प्रांरभ करने के निर्देश सीएमएचओ मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी को दिये । इस अवसर पर उन्होंने बारीकी से निरीक्षण कर कोविड केयर सेंटर का अवलोकन किया।अस्पताल मे मरीजों को भर्ती करने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है । सोमवार से अस्पताल पूरी तरह से चालू हो जाएगा।
जिला कलक्टर पोसवाल व नोडल प्रभारी अधिकारी निमिषा गुप्ता सहित अन्य सभी अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका व मार्गदर्शन में महज 20 दिन में बन कर तैयार हुआ संभाग का सबसे बड़ा डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल| राजसमंद जिले के दरीबा में हिंदुस्तान जिंक वेदांता परिसर में डीएवी स्कूल में संभाग का सबसे बड़ा डेडीकेटेड कोड केयर सेंटर प्रशासन ने मात्रा 20 दिन में बना दिया है ।
जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने इसके लिए दिन रात मेहनत कर मिसाल कायम की है। कोरोना की दूसरी लहर के तेज गति से बढ़ते हुए कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखकर दरीबा स्मेल्टर कंपलेक्स में स्थित आक्सीजन प्लांट से ढाई किलो मीटर लंबी मेटल लाइन डीएवी स्कूल तक बिछाई गई है|
यह अस्पताल 325 बेड की क्षमता का है जिसमें आईसीयू बेड व अन्य शामिल है । अस्पताल के निर्माण की कार्यकारी एजेंसी आरएसआरडीसी है। सभी 325 बेड आक्सीजन युक्त है स्टाफ स्टाफ के रहने के लिए हिंदुस्तान जिंक के वेदांत विहार का ज्ठ इसवबा को अधिग्रहित किया गया जिसमें डाक्टर एवं नर्सिंग कर्मियों की रहने की व्यवस्था की गई है। मेडिकल स्टाफ तथा कोविड रोगियों के लिए भोजन की व्यवस्था हिंदुस्तान जिंक द्वारा की गई है ।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के संक्रमण के बढते प्रभाव को देखते हुये चिकित्सा सुविधाओं को विस्तार देने के उदेश्य से जिले के रेलमगरा में दरीबा में दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालय दरीबा में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के लिये राज्य सरकार द्वारा, राज्य आपदा निधि एसडीआरफ से चिकित्सा तकनीकी से सम्बन्धित उपकरण , सामग्री की खरीद के लिये 3 करोड 65 लाख रूपये की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।