‘अध्यापन में करे नवाचार ‘‘ : डॉ. रचना तैलंग

नाथद्वारा | एक अच्छे अध्यापक को प्राचीन शिक्षण परम्परा में तकनीकी के साथ संयोजन कर नवीन धारणा को शिक्षण- अधिगम सामग्री के द्वारा विद्यार्थी के सम्मुख प्रस्तुत करना चाहिए ये विचार डॉ. रचना तैलंग ने नाथद्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एण्ड मेनेजमेन्ट में शिक्षण- अधिगम सामग्री कार्यशाला में कहे। उन्होने कहा कि अध्यापकों को किताबी ज्ञान से परे जाकर वास्तविक जीवन से संबंधित ज्ञान प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण- अधिगम सामग्री से रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है | शिक्षण कार्य में रूचि जागृत होती है। इस अवसर पर डॉ रंजना शर्मा, डॉ मुकेश शर्मा ने भी विचार रखे। प्रारंभ में निदेशक दीपेश पारीख, सहित सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। सर्वश्रेष्ठ शिक्षण- अधिगम सामग्री का निर्माण करने वाले विद्यार्थियों और उनके मेंटर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डॉ. रंजना शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अतिथियों ने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रोजेक्ट, मॉडल प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में पीआरओ धर्मेश पालीवाल सहित व्याख्याता और विद्यार्थी मौजूद थे।