राजकीय कार्यालयों, राजकीय चिकित्सालयों और राजकीय विद्यालयों में कार्मिकों ने श्रमदान कर सफाई की

राजसमंद ( दिव्य शंखनाद) 09 जून। जिला कलेक्टर श्री बालमुकुंद असावा की अभिनव पहल ‘माय ऑफिस, क्लीन ऑफिस’ ने सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता और कार्यसंस्कृति के नए मानक स्थापित किए हैं। यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक व्यापक मानसिकता परिवर्तन का प्रतीक बन गया है, जिसने कार्यस्थलों को स्वच्छ, सुंदर और नागरिकों के लिए सुगम बनाया।
इस दौरान समस्त राजकीय कार्यालयों, राजकीय चिकित्सालयों और राजकीय विद्यालयों में कार्मिकों ने श्रमदान कर सफाई की। नगर निकायों और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने जेसीबी, ट्रेक्टर और अन्य मशीनों से सार्वजनिक स्थलों की सफाई की। सार्वजनिक शौचालयों की सफाई के साथ ही चौराहों सहित विभिन्न स्थानों पर लिगसी वेस्ट साफ किया गया।

इस विशेष अभियान में उल्लेखनीय बात यह रही कि अवकाश दिवस होने के बावजूद जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण उत्साह के साथ पहुंचे। उन्होंने स्वयं झाड़ू, तगारी, और पोंछा उठाकर कार्यालय परिसर की सफाई की और इसे व्यवस्थित और सुंदर स्वरूप प्रदान किया। यह पहल न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी का प्रतीक है, बल्कि जनमानस में भी सकारात्मक संदेश देती है कि सरकारी तंत्र जब चाहे, उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। कलेक्टर श्री असावा ने इस सामूहिक प्रयास के लिए सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि स्वच्छता केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि कार्य संस्कृति का हिस्सा बननी चाहिए। स्वच्छ दफ्तर न केवल कर्मचारियों के लिए प्रेरक होते हैं, बल्कि आमजन को भी सम्मान और सुविधा का अनुभव कराते हैं।”
अभियान के पश्चात सभी विभागीय कार्यालयों में दृश्य रूप से स्वच्छता में सुधार हुआ है, कार्यालय परिसर अधिक व्यवस्थित और स्वागत योग्य बने हैं, आम नागरिकों में सरकार के प्रति विश्वास और सकारात्मकता में वृद्धि हुई है। राजसमंद की यह पहल प्रदेश भर में सरकारी कार्य संस्कृति को नई दिशा दे रही है और “माय ऑफिस, क्लीन ऑफिस” अब एक जनांदोलन का रूप ले चुका है।