नाथद्वारा : तेरापंथ भवन में ”आमंत्रण आरोग्य को ” विषय पर उद्बोधन

नाथद्वारा ( दिव्य शंखनाद ) 10 जून | नाथद्वारा के तेरापंथ भवन में ”आमंत्रण आरोग्य को ” विषय पर उद्बोधन देते हुए आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि सुरेश कुमार के सहवर्ती मुनि संबोध कुमार ‘मेधांश’ ने कहा – भागती – दौड़ती जिंदगी के बीच जब लगे कि शरीर ने साथ देना छोड़ दिया तो उसके कारणों को ढूंढे कि में बीमार हु । उन्होंने सेहत के सात मंत्र बताते हुए कहा – जरूरत से कम खाना, बेमेल खाने से बचाने, पानी की मात्रा में बढ़ोतरी, चैन की नींद सोना, एक में दो रंग के अनाज से ज्यादा भोजन ना लेना, पॉजिटिव थिंकिंग, हेल्दी हैबिट्स को अपनाए तो हम अंतिम सांस तक हैप्पी एंड हारमनियस लाइफ जी पाएंगे।
उन्होंने कहा – महान लोग एक महान आदत के साथ जीते हे – अपने स्वास को लयबद्ध बनाते हे। इसी एक आदत से जीवेम शरद: शतम ” का वरदान प्राप्त होता है। लंबे समय तक बैठना मोटापे का कारण बनता है। लम्बे समय तक बैठना मोटापे का कारण बनता है, पेट की समस्या ही 90 प्रतिशत रोगों कारण होता है। दिनचर्या को नियमित बनाए ओर आरोग्य को आमंत्रण दे।
मुनि सिद्धप्रज्ञ ने कहा – पहना सुख निरोगी काया है। शरीर स्वस्थ है तो मन भी प्रसन्न रहेगा। जो होटल में खाना खाने को आदत बना लेते हे उन्हें हॉस्पिटल की यात्रा करनी होगी। साथ ही उन्होंने कहा – पेट साफ सो रोग माफ , दिमाग ठंडा , पेट नरम और पैर गरम हे तो वह व्यक्ति स्वस्थ है।
मुनि केवल्य कुमार ने कहा – शरीर से भी ज्यादा सताती है मन की बीमारियां , अध्यात्म में मानसिक रोगों का स्थाई समाधान हे। ध्यान , योग , मंत्र साधन से मन की समस्या का समाधान प्राप्त किया जा सकता हे।