हर गांव और नगर में पुरानी बावड़ियों और तालाबों को श्रमदान से निखारा, साफ हुई वर्षों पुरानी गंदगी

राजसमंद ( दिव्य शंखनाद) 12 जून। जिले में जल संरक्षण की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में तालाबों, बावड़ियों, कुओं एवं अन्य जल स्रोतों की विशेष सफाई अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान जिला कलेक्टर श्री बालमुकुंद असावा के निर्देशन में तथा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बृजमोहन बैरवा के मार्गदर्शन में संचालित हुआ।
अभियान के तहत राजसमंद जिले के विभिन्न गांवों जैसे खमनोर, चारभुजा, आत्मा, सांगठकला, रेलमगरा आदि में बावड़ियों और तालाबों की सफाई की गई। अलग अलग गांवों में ग्रामीणों ने परंपरागत श्रमदान की भावना के साथ स्वेच्छा से श्रम देकर इन जल स्रोतों को पुनः उपयोग के योग्य बनाने में योगदान दिया। वहीं नगरीय क्षेत्रों राजसमंद, नाथद्वारा, देवगढ़, आमेट और भीम में भी विशेष सफाई टीमों का गठन कर प्रमुख तालाबों एवं बावड़ियों की सफाई कर कचरा एवं गाद हटाने का कार्य संपन्न किया गया।

नाथद्वारा स्थित डाइट परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संवर्धन का संदेश दिया गया, जिससे छात्रों एवं शिक्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया। इसी क्रम में ग्राम गोगाथला में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में पुरानी बावड़ी की सफाई का कार्य संपन्न हुआ|
पंचायत समिति आमेट की ग्राम पंचायत गलवा में काबरी महादेव बावड़ी की सफाई की गई। ग्राम सांगावास में श्रमदान कर नई नाड़ी का निर्माण प्रारंभ किया गया, जबकि ग्राम शरदा में पारंपरिक जल संरचनाओं की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण का कार्य किया गया। राज्यावास क्षेत्र में भी पारंपरिक तालाब की सफाई कर ग्रामीणों ने जल संरक्षण के प्रति अपनी सहभागिता दर्शाई। इसी प्रकार त्रिमुखी बावड़ी (ग्राम देलवाडा) की सफाई का कार्य भी जनसहयोग से संपन्न हुआ, जिससे स्थानीय जल स्रोत को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।

इन सभी कार्यक्रमों में आमजन, स्वंयसेवी संस्थाओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही। अभियान की सफलता में आमजन की सहभागिता उल्लेखनीय रही। जल संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता से ग्रामीणों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। जिला प्रशासन ने जल स्रोतों की स्थिति को सुधारने की दिशा में इस प्रकार के अभियान को नियमित रूप से जारी रखने का संकल्प लिया है। साथ ही ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर पर निगरानी रखते हुए साफ-सफाई बनाए रखें ताकि आने वाले समय में जल संकट से बचा जा सके।