राज्य सरकार की नौकरियों के लिए आपदा और महामारी प्रबंधन पर अनिवार्य शिक्षा की आवश्यकता होगी
सरकारी कर्मचारी को विभिन्न प्रकार की आपदाओं की मौलिक प्रकृति पर प्रशिक्षित किया जाएगा
ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने आपदा और महामारी प्रबंधन को हाई स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का फैसला किया है. इसी के साथ राज्य को किसी भी जैविक या जलवायु आपदा से निपटने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से मौजूदा और भविष्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक आवश्यक कौशल सेट किया है. शनिवार को सरकार के 5वें कार्यकाल की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई जिसके बाद ये फैसला लिया गया.
मंत्रिपरिषद द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि ”अब से, हर हाई स्कूल और कॉलेज के छात्र पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में आपदा और महामारी प्रबंधन के बारे में जानेंगे, ” प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि राज्य सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती के लिए आपदा और महामारी प्रबंधन पर अनिवार्य शिक्षा की आवश्यकता होगी और प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को विभिन्न प्रकार की आपदाओं की मौलिक प्रकृति पर प्रशिक्षित किया जाएगा.
ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जह कोरोना संकट के बीच हाल ही में चक्रवाती तूफान यास ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों पर दस्तक दी थी. चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई. पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि तूफान के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. ओडिशा के बालासोर और भद्रक जिलों में 128 गांवों में पानी भर गया.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इन गांवों के लिए 7 दिनों तक राहत पहुंचाने की घोषणा की है.
यह बताते हुए कि संकट के समय में निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रूप से बदल जाती है, प्रस्ताव में कहा गया है कि वार्ड सदस्यों से लेकर मुख्यमंत्री तक, सभी को आपदा और महामारी प्रबंधन पर प्रशिक्षित किया जाएगा। मिशन शक्ति समूहों, वाना सुरक्षा समितियों और अन्य समुदाय-आधारित संगठनों के सदस्यों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि ओडिशा को “हर घर में योद्धा” की उपस्थिति के साथ आपदा तैयारियों में अग्रणी राज्य बनाया जा सके.