प्रधानमंत्री निर्णय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर है और गुजरात उनका गृह राज्य है.
नई दिल्ली। सीबीएसई की 12वीं बोर्ड की परीक्षा पर असमंजस खत्म हो गया है। अब यह परीक्षा नहीं होगी। इसे रद्द करने का फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में इस पर फैसला लिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को 12वीं बोर्ड परीक्षा पर एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान पीएम को उन सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया गया जो विभिन्न राज्यों और अन्य पक्षकारों के साथ हुए व्यापक विचार-विमर्श के बाद सामने आए थे।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘छात्रों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की उत्सुकता को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए।
इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी।
शिक्षा मंत्रालय ने हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों और विभिन्न पक्षकारों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया था। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रकाश जावडेकर, स्मृति ईरानी आदि ने हिस्सा लिया था ।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों और अन्य पक्षकारों से परीक्षा को लेकर सुझाव मांगा था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह इस बारे में अंतिम फैसला तीन जून तक लेगी। सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में याचिका पर सुनवाई कर रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बैठक में नहीं थे, कोविड-19 संक्रमित : मंगलवार हुई इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद नहीं रहे। कोविड-19 बाद जटिलताओं के कारण मंगलवार को उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री जांच में 21 अप्रैल को कोविड-19 संक्रमित पाए गए थे। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल की देखरेख में भर्ती कराया गया है।
दूसरी तरफ गुजरात बोर्ड ने 12वीं की परीक्षाओं की समय सारिणी (Time Table) भी जारी कर दिया है। परीक्षाएं 01 जुलाई से शुरू हो रही हैं। बोर्ड की वेबसाइट gseb.org पर नया टाइम टेबल की पूरी डेटशीट देख सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं।
गुजरात बोर्ड ने ऐलान किया है कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा जुलाई में आयोजित की जाएगी। कोरोना महामारी की वजह से एक कमरे में केवल 20 स्टूडेंट्स को ही बैठने दिया जाएगा। इस गुजरात बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिए 6.83 लाख स्टूडेंट्स बैठेंगे।
गुजरात के सीएम विजय रूपाणी की अध्यक्षता में हुई बैठक ने यह फैसला लिया गया। शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने बताया कि राज्य में कोरोना की स्थिति में सुधार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बोर्ड परीक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनिटाइजेशन का कड़ाई से पालन करना होगा। परीक्षा देने आए सभी स्टूडेंट्स के तापमान की जांच करने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि क्या मोदी सही है, या रूपाणी सही है? क्या केंद्र के अनुसार परीक्षा से बच्चों को कोरोना का खतरा है लेकिन गुजरात में यह खतरा नहीं है? ऐसे में बच्चे और अभिभावक क्या करें? सीबीएसई के बच्चे परीक्षा नहीं दे और राज्य बोर्डों के छात्र परीक्षा दें? यह तो समय बतायेगा कि कोरोना काल की यह अजीबोगरीब परिस्थिति किस मुकाम पर पहुँचती है?