व्रज – माघ कृष्ण तृतीया, शुक्रवार, 21 जनवरी 2022
विशेष : आज नवमी घटा है
श्रीजी दर्शन :-
- साज सेवा में श्रीजी में आज पतंगी रंग की दरियाई की पिछवाई सजाई जाती है.
- गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर पतंगी बिछावट की जाती है.
- स्वरुप के सम्मुख लाल रंग की तेह बिछाई जाती है.
- वस्त्र सेवा में आज श्रीजी को पतंगी रंग का दरियाई का सूथन, चोली, घेरदार वागा एवं मोजाजी धराये जाते हैं. ठाड़े वस्त्र भी पतंगी रंग के धराये जाते हैं.
- श्रृंगार आभरण सेवा में प्रभु को आज छोटा कमर तक का हल्का श्रृंगार धराया जाता है. – – सभी आभरण हीरा के धराये जाते हैं.
- श्रीमस्तक पर पतंगी रंग की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, चमकना रूपहरी कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
- श्रीमस्तक पर अलख धराये जाते हैं.
- श्रीकर्ण में हीरा के कर्णफूल धराये जाते हैं.
- आज पचलड़ा एवं हीरा का हार धराया जाता है.
- एक श्वेत मनका की माला हमेल की भांति धराई जाती है.
- सभी समय गुलाब के पुष्पों की सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
- श्रीहस्त में चांदी के वेणुजी एवं वेत्रजी धराये जाते हैं.
- खेल के साज में पट पतंगी व गोटी चांदी की आती है.
- आरसी नित्यवत दिखाई जाती है.
संध्याकालिन सेवा : संध्या-आरती दर्शन उपरांत प्रभु के श्रीकंठ के श्रृंगार बड़े कर हल्के आभरण धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर रुपहली लूम तुर्रा धराये जाते हैं. - श्रीजी की राग सेवा के तहत आज
मंगला : कमल सी अखियाँ लाल तिहारी
राजभोग : नेनन सोहे कजरा
आरती : छबीले तरुण मदमाते
शयन : आज सुहावनी रात
मान : कित लाइ इन गलियन
पोढवे : रंग महल सुखदाई
कीर्तनों का प्रभु के सन्मुख गायन किया जाता है. - श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है जैसे कि मंगला, राजभोग, आरती एवं शयन दर्शन में आरती उतारी जाती है.
- नित्य नियमानुसार मंगलभोग, ग्वालभोग, राजभोग, शयनभोग में विविध सामग्रियों का भोग आरोगाया जाता है.
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जय श्री कृष्ण
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