जयपुर। फोन टैपिंग पर सरकार के कबूलनामे पर सियासी हलकों से लेकर विधानसभा तक माहौल गर्मा गया है। फोन टैपिंग मामले पर आज विधानसभा में भाजपा ने जमकर हंगामा किया। शून्यकाल की कार्यवाही शुरु होते ही स्थगन प्रस्ताव खारिज होने से नाराज भाजपा विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए फोन टैपिंग का मामला उठाना चाहा लेकिन स्पीकर सीपी जेाशी ने इसकी मंजूरी नहींं दी।इस पर नाराज भााजपा विधायकों ने सदन में वेल में आकर नारेबाजी शुरु कर दी।
शून्यकाल की कार्यवाही शुरु हुई नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा, सरकारी मुख्य सचेतक ने एक एफआईआर करवाई थी उसका आधार फोन टैपिंग ही था, इससे यह तय हो गया कि सरकार की किसी एजेंसी ने फोन टैपिंग करवाई।
सरकार को सदन में यह बताना चाहिए कि किस अधिकार से सरकार ने किन किन लोगों के फोन टैप करवाए। हम यही जानना चाहते हैं कि जिस रेफरेस में मुकदमा दर्ज हुआ उसमें अनुमति लेकर फोन टैप हुआ या नहीं?
गृह विभाग की अनुमति लेकर अभियुक्तों को ढूंढने के लिए फोन टैप करवाते हैं । हम सदन में यही जानना चाहते हैं मुख्य सचेतक ने जो एफआईआर करवाई थी क्या उसका आधार फोन टैपिंग थी?
स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि फोन टैपिंग के स्थगन को मंजूरी नहीं दी जा सकती। अखबार सदन की कार्यवाही को प्रभावित नहीं कर सकते।
प्रश्न यह पूछा गया था कि कि विगत दिनों में फोन टेप हुए, इसका जवाब आया। अब कालीचरण सराफ ने स्थगन में लिखा है कि फोन टैपिंग कर जनता की निजता भंग किए जाने से पैदा हुई स्थति। फोन टैपिंग का कानून है।
किसकी निजता भंग हुई नाम बताना चाहिए था। सराफ ने पांचवें सत्र में जो सवाल पूछा था उसका जवाब दिया गया है कि सक्षम स्तर से मंजूरी लेकर फोन टैप करवाए हैं। यह होता रहा है। मेरे सामने स्थगन प्रस्ताव पर व्यवस्था देने का सवाल है तो यह मुद्दा स्थगन के लायक नहीं है।
स्पीकर ने कहा, राजेंद्र राठौड़ का स्थगन है, जिसमें लिखा है, सांसदों, विधायकों और केंद्रीय मंत्रियों के बिना अधिकृत प्राधिकारियों के फोन टैप करवाए गए। आपने इसके सबूत नहीं दिए, आप सबूत दीजिए और नाम बताइए। आपके पास सबूत या रिकॉर्ड है तो दीजिए, इसके बिना सदन में चर्चा की अनुमति नहीं दे सकता।
फोन टैपिंग पर स्थगन रिजेक्ट, आपको मेरे फैसले पर विश्वास नहीं तो मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं
अध्यक्ष के स्थगन खारिज होने के बाद भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी शुरु कीर दी।
नाराज स्पीकर ने कहा, मैंने सोच समझकर व्यवस्था दी हैं। मैं अध्यक्ष की व्यवस्था पर आपको सवाल उठाने की अनुमति नहीं दे सकता। आपको अध्यक्ष के फैसले पर विश्वास नहीं है तो आप मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं