झीलों की नगरी उदयपुर में झीलों को प्रदूषण से मुक्त करने की लंबे समय से चल रही मांग पूरी हुई है
उदयपुर (दिव्य शंखनाद)। हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आदेश दिया है कि 6 माह के अंदर सभी नावे बैट्री और सोलर से संचालित की जाए।
इसके पीछे कारण है कि पिछोला झील का पानी शहरवासियों के पीने के काम आता है, वहीं झील प्रेमी झीलों को प्रदूषण मुक्त चाहते है, जिससे जलीय जीवों की मौत ना हो।
परिवहन विभाग के अनुसार अभी पीछोला झील में 78 फतहसागर झील में 18 का संचालन हो रहा है। इनमें से अधिकांश पेट्रोल से चल रही हैं और कुछ नावों को लेकर आरोप भी लगते रहे हैं कि डीजल से भी संचालन हो रहा है।
झील प्रेमियों का कहना है कि इस प्रकार की नाव से पानी मे प्रदूषण फैलता है, जिससे जलीय जीवों की मौत होती है। आदेश की पालना में निगम और यूआईटी की ओर से पेश किए जाने वाले शपथ पत्र के बाद यह लगभग तय हो जाएगा कि नावों में बदलाव नहीं किया तो वे झील से बाहर हो जाएंगी।
कोर्ट ने अपने सख्त आदेश में यह भी कहा कि झीलों और उनके परिधि क्षेत्र में उन्हीं गतिविधियों की अनुमिति होगी जो झील प्राधिकरण एक्ट 2015 की सभी शर्तों को पूरा करती हैं।