विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर संयुक्त डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा
राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। अब आम छात्र भी विदेशी विश्वविद्यालयों में मनपसंद डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकेंगे। दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से भारतीय और विदेशी संस्थानों को एक साथ मिलकर संयुक्त डिग्री, ड्यूल डिग्री प्रोग्राम और ट्विन प्रोग्राम में पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है।
विदेश जाकर पढ़ने के इच्छुक छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाकर नहीं रहना होगा। ऐसे छात्र देश में ही रहकर दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज के साथ पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए खास व्यवस्था की गई है। इसके तहत देश का कोई भी शीर्ष विश्वविद्यालय दुनिया के किसी भी शीर्ष विश्वविद्यालय के साथ मिलकर साझा कोर्स शुरू कर सकता है। क्या है यूजीसी की व्यवस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC) ने अगले शैक्षणिक सत्र(2022-23) से भारतीय और विदेशी संस्थानों को एक साथ मिलाकर संयुक्त डिग्री, ड्यूल डिग्री प्रोग्राम और ट्विन प्रोग्राम में पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार द्वारा जारी होने वाली NIRF रैंकिंग के टॉप 100 और विश्व रैंकिंग के शीर्ष 1000 वाले संस्थान इस डिग्री प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं।
ऐसे होगा डिजाइनट्विन प्रोग्राम
इसमें छात्र को कुछ कोर्स, एक, दो या तीन सेमेस्टर की पढ़ाई विदेशी विश्वविद्यालय में जाकर करनी होगी। यह एक तरह का स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम होगा। इसमें अधिक से अधिक 30 फीसदी कोर्स या क्रेडिट विदेशी विश्वविद्यालय से प्राप्त करने होंगे।
ज्वाइंट डिग्री:
इसमें एक भारतीय और दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय मिलकर डिग्री प्रोग्राम चलाएंगे। इसमें डिग्री भारतीय विश्वविद्यालय की होगी। उसमें दोनों विश्वविद्यालयों का नाम और लोगो होगा। इसमें कम से कम 30-30 फीसदी क्रेडिट दोनों विश्वविद्यालयों से प्राप्त करने अनिवार्य होंगे।
डयूल डिग्री:
एक भारतीय और दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाएंगे। दोनों विश्वविद्यालय अलग-अलग डिग्री जारी करेंगे। इसमें भी दोनों प्रोग्राम में 30 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर हासिल करने होंगे।