नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। वल्लभाचार्यजी महाप्रभु के 545वें प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में वल्ल्भ विलास में अयोजित प्रदर्शनी का समापन कार्यक्रम राजसमंद की पूर्व प्रार्चाया डॉ. रचना तैलंग की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
पुष्ठि प्रसार अधिकारी दयाशंकर पालीवाल ने बताया कि प्रदर्शनी का अन्तिम दिन होने से राजसमन्द और उदयपुर से आये श्रद्धालुओं ने तथा नगर के लोगो ने सुबह 08 बजे से रात्रि 09 बजे तक प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
प्रदर्शनी में प्रदर्शित ब्रज से श्रीजी पधराकर नाथद्वारा लाये जाने वाले प्रादर्श(मॉडल) और गिरिराज पर श्रीजी व वल्लभ के प्रथम मिलन के मॉडल के साथ दर्शकों ने सेल्फी और फोटो लिए। प्रदर्शनी में प्रदर्शित 84 बैठकों, पुष्ठि सिद्धान्तों, तिलकायत वंशावली, आठ दर्शनों, महाप्रभु के अन्तिम उपदेश, ब्रज से श्रीजी के पधारने के मार्ग और अनूठे, दुर्लभ प्रसंगो के दिव्य चित्रों को श्रद्धालुओ ने फोटो लेकर व विड़ियों ग्र्राफी कर अपने स्मार्ट फोन के कैमरे में कैद किया।