आर.के. चिकित्सालय के पालना गृह में मिला नवजात बालक
राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। अनचाहे या अनवांछित शिशु को कचरे मेंए झाड़ी मेंए पॉलीथिन मेंए शौचालय में नवजात को छोड़ने के के बाद राजसमन्द जिले में जागरूकता के द्वारा व नाथद्वारा एवं आर के चिकित्सालय में पालना गृह के संचालन के बाद सकारात्मक परिणाम आये है।
राजकीय आर.के चिकित्सालय के पालना गृह में बुधवार रात्री करीब 8:20 पर किसी अज्ञात द्वारा एक बालक को पालना गृह में सुरक्षित परित्याग किया गया व परित्याग के दो मिनट बाद अर्लाम बजने पर चिकित्साकर्मी द्वारा बालक को प्राप्त कर शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कर कनिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सारांश संबल के निर्देश में इलाज शुरू किया गया। प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ. ललीत पुरोहित ने बताया कि बालक का वजन 1.800 कि.ग्राम हैं व पुर्ण रूप से स्वस्थ होने तक चिकित्सालय में रखा जाएगा। चिकित्सा प्रशासन द्वारा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल को फोन पर सूचना दी गई व कांकरोली थाने में भी सूचना दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नवजात बालक के इलाज में कनिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सारांश संबल, रेजिडेण्ट डॉ. उमंग जोशी. नर्सिंग अधीक्षक नानालाल कुमावत, नर्सिंग ऑफिसर प्रेमशंकर पूर्बिया, आशा गर्ग, शबनम, रेखा गाडरी के द्वारा एन आई सी यू रखा जाकर शिशु बालक का उपचार किया जा रहा हैं। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल व अधीक्षक राजकीय शिशु गृह ने सामान्यजन से अपील की हैं कि अवांछित नवजात बालक एवं बालिका का सुरक्षित परित्याग राजकीय आर.के.चिकित्सालय, राजकीय श्री गोर्वधन चिकित्सालय नाथद्वारा अथवा राजकीय शिशु गृह कलालवाटी, राजनगर के पालना गृह में परित्याग करे, ताकि नवजात को सुरक्षित व नया जीवन मिल सके।
अध्यक्ष पालीवाल ने बताया कि पालना अथवा सरेंडर बालको को गोद लेने वाले भावी अभिवावक को दिए जाने के लिए लिगल फ्री कर सुपुर्द किया जाता है जिससे शिशु को विधिक अधिकार प्राप्त हो सके।