राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। जिले में स्थित एक पुलिस थाने में पोक्सो अधिनियम के तहत पीडित गर्भवती बालिका को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चिकित्सकीय एवं विधिक सहायता उपलब्ध करवाकर उसका गर्भपात करवाने में सहयोग किया।
मनीष कुमार वैष्णव, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि राजसमन्द जिले के एक पुलिस थाने में यौन अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज एक प्रकरण में अभियुक्त, जो कि पीडिता का निकट रिश्तेदार है, द्वारा नाबालिग बालिका के साथ बलात्कार करने पर बालिका गर्भवती हुई और उसकी माता को पता चलने तक गर्भकाल 24 सप्ताह से अधिक का हो चुका था। बाल कल्याण समिति राजसमन्द से इस संबंध में पत्र प्राप्त होने पर प्राधिकरण द्वारा इस मामले को अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुए पूर्ण संवेदनशीलता के साथ अपराध से पीड़ित बालिका एवं उसकी माता की काउंसलिंग करवाई।
जिसमें बालिका के भविष्य, स्वास्थ्य, सामाजिक और मानसिक स्थिति के संबंध में परामर्श देते हुए नाबालिग पीडिता के मां बनने पर बालिका एवं शिशु के शारीरिक व मानसिक समस्याऐं उत्पन्न हो सकने के बारे में जानकारी दी गई। काउंसलिंग करने पर बालिका और उसकी माता ने नियमानुसार गर्भपात कराने हेतु अपनी सहमति प्रदान की।
प्राधिकरण द्वारा गर्भ समापन हेतु निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति जोधपुर के माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में याचिका प्रस्तुत की। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भपात के संबंध में राय प्राप्त करके बालिका का गर्भपात करने की अनुमति प्रदान करते हुए विधि अनुसार कार्यवाही करने हेतु आदेश दिया। इस प्रकार प्राधिकरण द्वारा बालिका को निःशुल्क विधिक व चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करवाते हुए नियमानुसार गर्भ समापन हेतु सहायता उपलब्ध करवाई।