नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। श्रीनाथजी की छवि को साड़ी/ब्लाऊज पर प्रिंट करने से बृजवासियों की आस्था को ठेस पहुँचाने के कृत्य के विरुद्ध कठोर व ठोस कदम उठाने के लिए श्रीजी सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष सीए. दिनेश सनाढ्य ने महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम पर ज्ञापन दिया।
दिनेश सनाढ्य ने बताया कि मै एक बृजवासी हूँ जिसकी श्रीनाथजी मे पूर्ण आस्था है, श्रीनाथजी हम बृजवासियों के लिए आराध्यए आश्रय व जीवन मे सब कुछ देने वाले है । हमारे पूर्वजों ने श्रीनाथजी की मुर्ति की रक्षा के लिए आज से 350 वर्ष पूर्व सन् 1665 मे अपनी सम्पत्ति व परिवार के सदस्यों तक को छोड़कर जतीपुरा, मथुरा को छोड़कर आये थे ।
हमारे पूर्वजों ने कई मुसीबतों का सामना किया व दुश्मनों से लड़ते हुए अपनी जान भी दी। यहाँ सिंहाड़, नाथद्वारा मे आने के बाद भी श्रीनाथजी व उनकी सम्पत्तियों के लिए कई आक्रमण भी हुए, जिसका सामना हमारे पूर्वज बृजवासियों व मेवाड़ के राजपूतों ने किया, इन आक्रमणों मे बृजवासियों व राजपूतों ने अपनी जान तक न्योछावर करके श्रीनाथजी की मूर्ति व सम्पत्तियों की रक्षा की ।
श्रीनाथजी का चित्र साड़ी पर प्रिंट करके उस साड़ी को नाथद्वारा की दुकान पर बेचा जा रहा है। इस साड़ी पर दुकानदार के पैर भी लगते है, दुकानदार इस पर अपवित्र हाथो से स्पर्श भी करता है। इसके अलावा यह साड़ी कोई महिला पहनेगी तो इसे पहनकर अपवित्र स्थान पर भी जा सकती है व अपवित्र समय पर भी पहन सकती है। इस साड़ी को वाशिंग मशीन मे या डण्डे से धोया भी जायेगा। जब इस पर श्रीनाथजी का चित्र प्रिंट है तो यह श्रीनाथजी का अपमान व हमारी आस्था को ठेस पहुँचा रहा है। अतः दोनों साड़ी व ब्लाउज पर चित्रण करने से श्रीनाथजी का अपमान है। पुष्टि सम्प्रदाय की भावनाओं को आघात है। हम बृजवासियों की आस्था व बलिदान को ठेस पहुँची है।
इसलिए इस प्रकरण पर उचित कानूनी कार्यवाही की जाये।
- इस प्रकार के वस्त्रों को पहनने/विक्रय से रोका जाये।
- इस प्रकार के वस्त्रों के उत्पादन को रोका जाये व उन पर कठोर कार्यवाही की जाये।
- इस प्रकार से धार्मिक भावनाओं को आहत पहुँचाने से स्थाई रुप से रोका जाये।
- इस प्रकार के कृत्यों को देखकर चुप रहने/बढ़ावा देने वाले जिम्मेदार/समझदार व्यक्तियों को पाबंद किया जाये ।
- इस सम्बंध मे जारी आदेश/परिपत्र/गजट नोटिफिकेशन की प्रति हमें उपलब्ध कराई जाये ।
इसके अतिरिक्त एक पत्र जिला कलेक्टर को नाथद्वारा बोर्ड सदस्य होने की हैसियत से दिया और कहा कि इस पत्र को आगमी बोर्ड मीटिंग मे रखा जाये ।