व्रज – श्रावण शुक्ल एकम, शुक्रवार, 29 जुलाई 2022
आज की विशेषता: आज प्रभु श्रीनाथजी को हरे सफेद लहरिया के वस्त्र पर जमाव का कतरा का श्रृंगार धराया जाता है।
श्रीजी दर्शन:
- साज
- श्रीजी में आज हरे सफेद रंग के लहरिया पर दुपहरी ज़री की किनारी के हाशिया वाली पिछवाई सजाई जाती है
- गादी, तकिया, चरणचौकी, तीन पडघा, त्रस्टी प्रभु के समक्ष पधराये जाते है, खेल के साज पधराये जाते है
- गादी, तकिया के ऊपर सफ़ेद बिछावट की जाती है, स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल लगी हुई होती है
- दो स्वर्ण के पडघा में से एक पर बंटाजी व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है, एक अन्य चांदी के पडघाजी पर माटी के कुंजा में शीतल सुगंधित जल भरा होता है
- सम्मुख में धरती पर चांदी की त्रस्टी धरे जाते हैं
- खेल के साज में आज पट अंगुरी रंग का और गोटी बाघ-बकरी वाली पधरायी जाती है
- वस्त्र
- वस्त्र सेवा में श्रीजी को आज हरे सफेद रंग के लहरिया का पिछोड़ा धराया जाता है
- ठाड़े वस्त्र लाल रंग के धराये जाते हैं
- श्रृंगार
- आज श्रीजी को छेड़ान का (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है
- कंठहार, बाजूबंद, पौची, हस्त सांखला, कड़े, मुद्रिकाएं आदि सभी आभरण उत्सव के माणक के धराये जाते हैं
- श्रीमस्तक पर हरे सफेद लहरियाँ की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, जमाव कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं
- श्रीकर्ण में कर्णफूल धराये जाते हैं
- श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज गूंजामाला के साथ श्वेत लाल एवं पीले पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं
- श्रीहस्त में कमलछड़ी, जीने लहरिया के वेणुजी एवं दो वेत्रजी धराये जाते हैं
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ आभरण से मिलवा धराई जाती है
- आरसी नित्यवत दिखाई जाती है
श्रीजी की राग सेवा के तहत:
- मंगला: गरज गरज रिमझिम रिमझिम
- राजभोग: गहर गहर गाजे बदरा
- हिंडोरा:
- मचक मचक झूले लचक लचक, गौर श्याम धारण को,
- झलत है ललित कदम्ब तरे, घन घंटा बन घटा
- शयन: झूलत तेरे नयन हिंडोरे
- मान: कौन करे पटतर तेरी गुन
- पोढवे: चांपत चरण मोहन लाल
- श्रीजी को दूधघर, बालभोग, शाकघर व रसोई में सिद्ध की जाने वाली सामग्रियों का नित्य नियमानुसार भोग रखा जाता है
- मंगला राजभोग आरती एवं शयन दर्शनों में आरती की जाती है
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है
- सायंकाल में श्रीजी के सम्मुख डोलतिबारी में श्री मदनमोहन जी लाल कमल के हिंडोलने में झूलते हैं. श्री मदनमोहनजी के सभी वस्त्र एवं श्रृंगार श्रीजी को धराये आज के श्रृंगार जैसे ही होते हैं
- आज संध्या भोग के दर्शन में श्री नवनीत प्रियाजी मंदिर चौक में शेलु के हिंडोलने में झूलते हैं
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जय श्री कृष्ण
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