राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद द्वारा जिला कारागृह का 10 अगस्त को समय दोपहर 2:30 बजे औचक निरीक्षण कर भोजन, सफाई इत्यादि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
वैष्णव ने नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद किया गया। वक्त निरीक्षण कारागृह में 150 बंदी निरूद्ध मिलें जो कारागृह की बंदी क्षमता से लगभग दो गुने से अधिक है। वैष्णव ने कारागृह प्रशासन को युटीआरसी/75 अभियान के तहत कारागृह में निरूद्ध सभी बंदियों के अधिक्ता होने के सर्वे करने हेतु निर्देशित किया गया। ताकि कारागृह में बिना पैरवी के कोई भी बंदी निरूद्ध नहीं रहे तथा श्री वैष्णव ने कारागृह मे नवीन प्रवेशित बंदियों से संवाद कर उनके अधिवक्ता के सबंध में जानकारी ली तथा 3 बंदियों के सबंध में निःशुल्क विधिक सहायता का आवेदन करवाने हेतु निर्देश दिये। कारागृह में कोई भी 18 वर्ष से कम उम्र का तथा महिला बंदी निरूद्ध नहीं मिला। वक्त निरीक्षण कारागृह में सांयकालीन चाय तैयार की जा रही थी जिसकी वैष्णव ने गुणवता की जांच की।
वक्त निरीक्षण कोई मेडिकल स्टाफ उपस्थित नहीं मिला। वैष्णव ने बंदियों के बुस्टर डोज लगवाने एवं कोविड-19 की गाइडलाईन की कठोरता से पालना करने के निर्देश पालना करने के निर्देश दिये। वैष्णव ने विधिक सहायता क्लिनिक के सबंध में भी जानकारी ली। विधिक सहायता क्लिनिक का साप्ताहिक रूप से संचालन किया जा रहा है। उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता, नालसा लीगल सर्विस ऐप, मध्यस्थता, पीड़ित प्रतिकर, श्रमिक कल्याण की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी। वक्त निरीक्षण उपेन्द्र शर्मा हेड कानिस्टेबल, श्री धर्मेश खटीक पीएलवी उपस्थित रहें।