इकलोते भाई के साथ राखी का त्यौहार मनाने का कहने पर एक बालिका को किया परिवार में पुनर्वासित
राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। उदयपुर से दो भाई बहीन जो बालश्रम जैसी परिस्थितीयों में उदयपुर के बालिका गृह व बालक गृह में रह रहे जिनके नाथद्वारा के खमनोर तहसील क्षेत्र के मचीन्द गांव में पुश्तैनी भूमि होने से राजसमन्द के खमनोर क्षेत्र के स्थायी निवासी होने से राजसमन्द जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।
जिस पर बालक को किशोर गृह राजसमन्द व बालिका को बालिका गृह में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया। तथा राजसमन्द बाल कल्याण समिति के द्वारा बालकों की समाजिक अंकेक्ष रिपोर्ट तैयार करवाने पर जानकारी हुई कि बालक के कालोड़ा उदयपुर के होन व भूमि खमनोर तहसील क्षेत्र में स्थित होने तथा बालक व बालिका के माता पिता की पुर्व में ही मृत्यु हो जाने तथा बड़ा भाई गुजरात में कार्य करने व बड़ी बहीन भुआ के यहां रहने के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।
राजसमन्द बाल कल्याण समिति के द्वारा दोनों ही बालकों को उदयपुर जिले के स्थायी निवासी होने से पुनः उदयपुर मय रिपोर्ट व दस्तावेज के भेजे जाने का आदेश दिया गया इस पर अवकाश आजाने से तथा बालक को पहले उदयपुर बाल कल्याण समिति को सुर्पद करने हेतु पुलीस विभाग से गार्ड रक्षा बन्धन के त्यौहार पर ही आने पर बाल कल्याण समिति के द्वारा भाई बहिन का त्यौहार राखी बान्ध का मनाया गया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने बताया कि बालक किशोर गृह में आवसरत होने से बालिका को बालिका गृह से बुलाया गया तथा बहिन ने अपने भाई को तिलक लगा कर राखी बान्धी तथा मिठाई खिलाई तथा भाई ने अपनी बहीन का आर्शीवाद लिया। इस दौरान बालिका के द्वार बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुर सिंह चारण, हरजेन्द्रसिंह चौधरी एवं कपील चारण को भी राखी बान्धी सभी के द्वारा शुभकामऐं दी गई। दोनों ही बालकों के उदयपुर स्थानान्तरीत होने के पश्चात बालकों को उदयपुर बाल कल्याण समिति के द्वारा परिवार में पुर्नवास की कार्यवाही की जायेगी जिससे भाई बहिन साथ रह सके व संस्थागत जीवन यापन न करें। बाल कल्याण समिति के समक्ष राखी का त्यौहार होने से एक बालिका के द्वारा अपने इकलोते भाई के साथ राखी का त्यौहार मनाने हेतु कहने पर आवश्यक बैठक कि गई तथा बालिका के माता पिता के उपस्थीत होने पर बालिका को परिवार में पुनर्वासीत किया जायेगा।