राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। जिले में राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार आगामी 22 अगस्त से 2 सितम्बर तक पर डेंगू रोधी अभियान संचालित किया जायेगा। अभियान के तहत गांव-ढांणियों एवं कस्बो में आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार के रोगियो की सर्वे करेंगे तथा रोगियो की ब्लड स्लाईड लेंगे।
डिप्टी सीएमएचओ हैल्थ डॉ. जिनेश सैनी ने बताया की अभियान के तहत सभी चिकित्सा संस्थानों पर मच्छरों के लार्वा का प्रदर्शन किया जायेगा जिससे वहां आने वाले सभी लोग जागरूक हो सके। उन्होंने बताया की जिला स्तर पर गत वर्ष के मलेरिया, डेंगू, चिकगुनिया के कैसेज के आधार पर हाई रिस्क क्षैत्रो का चयन किया गया है तथा वहां पर अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्मिको का डेंगू रोकथाम के लिये आमुखीकरण किया जायेगा। सभी गांव-ढांणियो और कस्बो में एन्टी लार्वल, सोर्स रिडक्शन एवं एन्टी एडल्ट गतिविधियां सम्पादित की जायेगी।
डेंगू दिन में काटने वाले मच्छरो एडिज इजिप्टी तथा एडिज एल्बोपेक्टस से फैलता है। डेंगू से बचाव के लिये आवश्यक है की बरसात के मौसम में घरो के आस-पास भरे हुए पानी जमा ना होने दे। घर में भी पानी के सभी बर्तनो, कुलर, परिण्डो, टांको , टंकियो, या अन्य पानी के पात्रो और वस्तुओ को सप्ताह में एक दिन खाली कर सुखाया जाये, तथा पानी के बर्तनो को ढंक कर रखा जाये। मच्छरो से बचाव के लिये आवश्यक है की घर में खिड़कियो और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिये जाली लगाये, दिन में पूरी बांह के कपडे़ पहने, सोते समय मच्छरदानी अथवा अन्य मच्छर रोधी सामग्री का उपयोग करें।
उन्होंने बताया की डेंगू होने पर व्यक्ति को अचानक ठंड व कपकंपी के साथ तेज बुखार आना, ब्डल प्रेशर का सामान्य से बहुत कम हो जाना, मिचली, उल्टी जैसा महसूस होना और शरीर पर लाल – गुलाबी चकते आना, लक्षणो को महसूस करते ही नजदीकी चिकित्सा संस्थान पर डॉक्टर से संपर्क करे तथा नीम हकीमो या झोलाछाप डॉक्टरो से उपचार करवाने के चक्कर में ना पडे़ क्योंकी डेंगू जान के लिये घातक हो सकता है।