नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। कल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, शनिवार, 10 सितम्बर 2022 से आश्विन शुक्ल प्रतिपदा, सोमवार, 26 सितम्बर 2022 तक श्राद्धपक्ष (पितृपक्ष) रहेगा. परमपूज्य श्री तिलकायत महाराज की आज्ञा से श्रीजी की व्रतोत्सव की टिप्पणी में श्राद्धपक्ष (पितृपक्ष) का निर्णय सरल भाषा और चार्ट फॉर्मेट द्वारा दिया है.
भाद्रपद शुक्ल पक्ष 15, शनिवार से आश्विन शुक्ल पक्ष 1, सोमवार तक (दिनांक 10.09.2022 से 26.09.2022 तक)
- भा.शु.15 शनि 10.09 प्रतिपदा(एकम्) को श्राद्ध
- आ.कृ.1 रवि 11.09 द्वितीया(दूज) को श्राद्ध
- आ.कृ.2 सोम 12.09 तृतीया(तीज) को श्राद्ध
- आ.कृ.3 मंगल 13.09 चतुर्थी(चौथ) को श्राद्ध
- आ.कृ.4 बुध 14.09 पंचमी(पाचम) को श्राद्ध एवं पिण्डरहित भरणी श्राद्ध
- आ.कृ.5 गुरु 15.09 षष्ठी(छठ) को श्राद्ध
- आ.कृ.6 शुक्र 16.09 सप्तमी(सातम) को श्राद्ध
- आ.कृ.7 शनि 17.09
- आ.कृ.8 रवि 18.09 अष्टमी(आठम) को श्राद्ध व व्यतीपात श्राद्ध
- आ.कृ.9 सोम 19.09 नवमी(नवम) को श्राद्ध व अविधवा नवमी
- आ.कृ.10 मंगल 20.09 दशमी(दशम) को श्राद्ध
- आ.कृ.11 बुध 21.09 एकादशी(ग्यारस) को श्राद्ध
- आ.कृ.12 गुरु 22.09 द्वादशी(बारस) को श्राद्ध, सन्यासिन को श्राद्ध
- आ.कृ.13 शुक्र 23.09 त्रियोदशी(तेरस) को श्राद्ध व मघा श्राद्ध
- आ.कृ.14 शनि 24.09 चतुर्दशी(चौदस) निमित्तक घायलन को श्राद्ध, जल शस्त्र आदि सूं मरण पायो होय उनके ही या दिन श्राद्ध
- आ.कृ.30 रवि 25.09 अमावास तथा सर्वपितृ को श्राद्ध
- आ.शु.1 सोम 26.09 मातामह श्राद्ध
विशेष:
- जाकी मरण तिथि चतुर्दशी अथवा पूर्णिमा होय ताको महालय श्राद्ध अष्टमी, द्वादशी, अमावस्या, व्यतीपात या में सूं कोई भी दिन करनो प्रशस्त है।
- अष्टमी रवि कूं व्यतीपात योग होय वे सूं यह दिवस श्राध्दादिक में विशेष प्रशस्त है। कोई भी तिथि को श्राद्ध रहि गयो होय या रही जायवे को सम्भव होय तो ताको श्राद्ध या दिवस करनो।
।। इति श्राद्धपक्ष निर्णय समाप्त।।