नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। उपली ओडन स्थित श्रीनाथजी इंस्टिट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के एमबीए, बीबीए बी कॉम एंड एम कॉम विधार्थियो हेतु जिंदगी मैं सफलता के सूत्र और असफलता के कारण निवारण विषय पर मोटिवेशनल कार्यशाला आयोजित की गई।
प्राचार्या डॉ. दीप्ति भार्गव ने बताया की कोरोना काल मे प्रतीत हुआ कि जिंदगी की रफ्तार धीमी हुई है और नवीन ऊर्जा बेहतर कार्यप्रदर्शन हेतु आवश्यक है इसको ध्यान मे रखते हुए मोटिवेशनल सेमिनार आयोजित की गई। जिसके मुख्य अतिथि और वक्ता अमित माथुर थे, जो प्रसिद्ध सॉफ्ट स्किल, एम्प्लॉयबिलिटी स्किल प्रशिक्षणकर्ता है।
प्रारम्भ मैं मा सरस्वती माल्यार्पण, दिप प्रज्वलन के बाद अमित माथुर और नेहा शाह को उपरना ओडा कर प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। इसके उपरांत प्राचार्य द्वारा स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यशाला के उद्देश्य, इसकी सर्वांगीण उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा, जीवंत उदहारणों और मैनेजमेंट गेम्स के माध्यम से विद्यार्थियो से संवाद करते हुए वैचारिक सेवा प्रदान कर व्यक्तिगत विकास हेतु, जीवन सफलता सूत्र और असफलता कारणों पर विस्तृत प्रकाश डाला
अमित माथुर ने विद्यार्थियो को कहा कंफर्ट जोन सै बाहर निकल कर ग्रोथ जोन मैं जाओ, अब समय है स्वयं के पुनः अविष्कार का, सपने देख कर लक्ष्य निर्धारित करो, लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग पर दौड़ लगाओ, अवसरों को पहचान कर लाभ उठाओ, लाइफ मैं हर कार्य को अनूठे तरीके से करो, नवाचार पर ध्यान केंद्रित करो। साथ ही बताया कि ग्रोथ करो, प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाओ और इसको बरकरार रखो। किसी भी कार्य मैं लगन , जुनून के साथ लग जाय, अपने कोशल का विकास के साथ उपयोग करो।
कार्य प्रारंभ करने से पहले उद्देश्यों पर परिणाम पर ध्यान दो, समय का सदुपयोग करो और हर स्थिति मैं लक्ष्य प्राप्ति की और केंद्रित रह कर आगे बढ़ते रहो
विद्यार्थी नवीन सुथार ने सम्पूर्ण कार्यशाला पर अनुभव साझा करते हुए कहा कि सदैव हम सभी प्रेरित रहेंगे , सोचने का तरीका बदलेंगे, लक्ष्य पप्राप्त करेंगे और असफलता से सिख ले कर नवीन प्रयास प्रारम्भ करेंगे क्यों कि नए विचार जागे है तथा सकारात्मक ऊर्जा से ओत प्रोत हुए है।
धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. सौरभ कपूर ने बताया कि आपके मार्गदर्शन, प्रत्येक शब्द का सभी को बहुत लाभ मिलेगा, विद्यार्थी भावनात्मक नियंत्रण के साथ, शारीरिक रूप से फिट रह कर रचनात्मकता को अपनाएंगे। निराशा, भय, कुंठा सब जीवन से नदारद होगी। कार्यशाला मैं समस्त संकाय सदस्य उपस्थित रहे और विद्यार्थीओं ने बहुत उत्साह दिखाया।