गो.ति.108 श्री इंद्रदमन जी (राकेश जी) महाराज श्री एवं श्री विशाल बावा ने उदयपुर स्थित श्रीजी प्रभु की हवेली में वैष्णव जन की भावना एवं श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए प्रभु सुखार्थ एवं सेवा में विभिन्न नवीन कल्पों का विधि विधान से पूजन कर किया शुभारंभ
उदयपुर (दिव्य शंखनाद)। पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्री नाथ जी मंदिर के तिल कायत गो. ति.108 श्री इंद्र दमन जी (राकेश जी) महाराज श्री की आज्ञा एवं गो. चि.105 श्री विशाल बावा साहेब की प्रेरणा से उदयपुर स्थित श्रीजी प्रभु की हवेली में दि. 21/11/2022 सोमवार को पधार कर प्रभु की सेवा एवं सुखार्थ तथा वैष्णव जन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उदयपुर में स्थित श्रीनाथजी की हवेली में विभिन्न नवीन कल्पों का शुभारंभ किया।
जिसमें विशेष रूप से श्री विशाल बावा के अनुकरणीय विचारों एवं कार्यो को ध्यान में रखते हुए तिलकायत श्री की आज्ञा एवं श्री विशाल बावा की प्रेरणा से आज की स्वच्छ ऊर्जा एवं शुद्ध पेयजल वैष्णव जन को उपलब्ध हो सके उसी के अनुरूप गो.ति.108 श्री इंद्र दमन जी (राकेश जी) महाराज श्री एवं श्री विशाल बावा के कर कमलों से उदयपुर में श्रीनाथजी की हवेली में हुए।
नवाचारों में सौर ऊर्जा आधारित सोलर प्लांट जिसमें पूरी हवेली की ग्रीन ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति हो सकेगी का शुभारंभ किया, वैष्णव जन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके उसके लिए 250 लीटर पानी का फिल्टर प्लांट का शुभारंभ किया गया, प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली के अनुरूप प्रभु की सेवा एंव सुखार्थ सोने-चांदी की घट्टी की स्थापना, नवीन खर्च भंडार का शुभारंभ, घी- तेल के कुओं का शुभारंभ, प्रभु के नवीन गहना घर का भूमि पूजन पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए गो. ति.108 श्री इंद्रदमन जी (राकेश जी) महाराज श्री के नित्य लीलास्थ बेटीजी अनुराधा जी की स्मृति में अनुराधा वाटिका का भी तिलकायत श्री के कर कमलों द्वारा शुभारंभ किया गया तथा श्रीनाथजी की हवेली में स्थित गौशाला का भी अवलोकन किया गया।
इस अवसर पर तिलकायत श्री ने श्रीजी प्रभु की आरती उतारी तत्पश्चात तिलकायत श्री एवं श्री विशाल बावा ने उपस्थित हजारों वैष्णव जनों को अपना वचनामृत प्रदान कर आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी श्री सुधाकर उपाध्याय, मंदिर मंडल सीईओ जितेंद्र ओझा, वैष्णव अंजन शाह,समीर भाई, उदयपुर स्थित श्रीनाथजी हवेली के भंडारी कैलाश पालीवाल, लीलाधर पुरोहित, मंदिर के पंड्या जी परेश नागर आदि हजारों वैष्णव जन उपस्थित थे।