व्रज – श्रावण शुक्ल दसमी, शनिवार, 26 अगस्त 2023
आज की विशेषता :- पुष्टिमार्ग में 27 अगस्त, 2023 अर्थात कल रविवार को पवित्रा एकादशी का उत्सव है. उत्सव होने के कारण आज श्रीजी को उत्सव के एक दिन पूर्व धराया जाने वाला आगम का हल्का श्रृंगार धराया जायेगा. सामान्य तौर पर प्रत्येक बड़े उत्सव के एक दिन पूर्व यह श्रृंगार धराया जाता है.
श्रीजी दर्शन:
- साज
- साज सेवा के तहत श्रीजी में आज वस्त्रों के जैसी ही लाल रंग की मलमल पर रुपहली ज़री की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है.
- अन्य साज में गादी, तकिया, चरणचौकी, तीन पडघा, त्रस्टी प्रभु के समक्ष पधराये जाते है. इनके अलावा खेल के साज पधराये जाते है.
- गादी, तकिया के ऊपर सफ़ेद वस्त्रों की बिछावट की जाती है. स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी के ऊपर हरी मखमल लगी हुई होती है.
- दो स्वर्ण के पडघा में से एक पर बंटाजी व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है. एक अन्य चांदी के पडघाजी पर माटी के कुंजा में शीतल सुगंधित जल भरा होता है.
- दो गुलाबदानियाँ गुलाब-जल भर कर तकिया के पास रखी जाती हैं.
- सम्मुख में धरती पर चांदी की त्रस्टी धरे जाते हैं.
- वस्त्र
- वस्त्र सेवा में श्रीजी को आज लाल रंग की मलमल का सुनहरी किनारी का पिछोड़ा धराया जाता है.
- ठाड़े वस्त्र पीले रंग के धराये जाते हैं.
- श्रृंगार
- प्रभु को आज छोटा अर्थात कमर तक का हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
- कंठहार, बाजूबंद, पौची आदि सभी आभरण पन्ना एवं सोने के धराये जाते हैं..
- श्रीमस्तक पर लाल रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, मोरपंख की सादी चन्द्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
- श्रीकर्ण में पन्ना के कर्णफूल के दो जोड़ी धराये जाते हैं.
- आज कमल माला धरायी जाती हैं..
- सफेद एवं पीले पुष्पों के रंग-बिरंगी थागवाली दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती है.
- श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी एवं वेत्रजी (एक स्वर्ण का) धराये जाते हैं.
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ धराये जाते हैं.
- खेल के साज में पट लाल, गोटी छोटी सोने की आती है
- आरसी श्रृंगार में सोना की दिखाई जाती है.
- श्रीजी की राग सेवा:
- मंगला : सोहेलरा नन्दमहर
- राजभोग : आज की शोभा कहत न आवे
- गावो गावो मंगलचार बधावो
- हिंडोरा : नट के पद, सुरंग हिंडोरना हो माई, झुलत नव रंग संग, मुदित झुलावत, छबीले गोपाल झूलो
- शयन : झूले नागरी नागर दोऊ
- मान : कौन करे पटतर तेरी गुन
- पोढवे : चांपत चरण मोहन लाल
- श्रीजी को दूधघर, बालभोग, शाकघर व रसोई में सिद्ध की जाने वाली सामग्रियों का नित्य नियमानुसार भोग रखा जाता है.
- मंगला राजभोग आरती एवं शयन दर्शनों में आरती की जाती है.
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है.
- संध्या-आरती में श्री मदनमोहन जी डोल तिवारी में पान के हिंडोलना में झूलते हैं. उनके सभी वस्त्र श्रृंगार श्रीजी के जैसे ही होते हैं.
- श्री नवनीत प्रियाजी भी पान के हिंडोलना में विराजित होकर झूलते है.
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जय श्री कृष्ण
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