मुंबई | भारतीय नौसेना ने कहा कि चक्रवात ताउते के दौरान मुंबई के तट पर एक जहाज डूबने के बाद मंगलवार को लगभग 127 लोग लापता हो गए. भारतीय नौसेना ने कहा कि खोज और सहायता के लिए दो जहाजों और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. जहाज 273 लोगों को ले जा रहा था, जब यह सोमवार को भारत के पश्चिमी तट पर तेज हवाओं के साथ बहना शुरू हुआ. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 146 लोगों को जहाज से बचाया गया है, जिसे एक राज्य द्वारा संचालित तेल कंपनी द्वारा संचालित किया गया था.
यह अभियान चुनौतीपूर्ण रहने की उम्मीद है. इस क्षेत्र में कई दशकों में आए सबसे बड़े चक्रवाती तूफान ने केरल, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात में लोगों की जान ली है. तेज हवाओं ने कई पेड़ों और बिजली के खंभों को उखाड़ दिया. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. मुंबई में अधिकारियों ने लगभग 600 कोविड -19 रोगियों को फील्ड अस्पतालों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया. मुंबई में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण 230 मिमी बारिश हुई, जो अबतक रिकॉर्ड है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) मुंबई केंद्र के अनुसार सांताक्रूज ऑब्जर्वेटरी (उपनगरों के प्रतिनिधि) ने मंगलवार सुबह 8.30 बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि में 230.3 मिमी बारिश दर्ज की.
भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि ताउते ने सोमवार देर रात गुजरात में बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में 185 किलोमीटर (115 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दी. मंगलवार सुबह तक यह कमजोर होकर बहुत भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया. गुजरात के सूरत में कई जगह पेड़ गिर गए. पेड़ों को काटकर रास्ते से हटाया जा रहा है. सूरत में अभी भी तेज़ हवाओं के साथ बारिश हो रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात प्रभावित राज्यों-राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली के प्रशासकों से स्थिति और केंद्र सरकार से मदद की आवश्यक के बारे में जानकारी लेने के लिए बात की.
DG NDRF एस.एन. प्रधान ने कहा ”गुजरात की स्थिति अब खतरे से बाहर है. हवा की गति कम हो चुकी है और बारिश भी थोड़ी कम हो चुकी है और शाम तक ये डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा. राजस्थान में थोड़ी बारिश होगी लेकिन खतरा उतना नहीं है. स्थिति अब नियंत्रण में है.” उन्होंने कहा ”कोविड इस बार ज़्यादा खतरनाक है इसलिए ये बहुत जरूरी था कि ऑक्सीजन, जरूरी दवाईयों की आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आए. तूफान और कोविड की स्थिति को इसी दौरान मैनेज करना था. कोरोना के मरीज़ों को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है.