आमतौर पर ऐसे लक्षण ठंड में ज्यादा दिखते हैं, न कि गर्मी के मौसम में।

अप्रैल में दिन में तेज गर्मी है तो रात में अचानक ठंडक। कहीं-कहीं बारिश और बादल भी देखने को मिल रहे हैं। ये उतार-चढ़ाव शरीर को भ्रमित करते हैं और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
भारत में अप्रैल महीने में यानि गर्मी में जुकाम, खांसी और गले के संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं। यह हैरान करने वाली बात है क्योंकि आमतौर पर ऐसे लक्षण ठंड में ज्यादा दिखते हैं, न कि गर्मी के मौसम में।
“गर्मी का बुखार है।”
“वायरल हो गया है।”
हम यह दो बातें कहकर डॉक्टर के पास जाते हैं और दवाइयां लेनी शुरू कर देते हैं। कभी सोचा है कि गर्मी में सर्दी-जुकाम होने का कारण वायरस होता है। दरअसल जैसे-जैसे मौसम गर्म होता है, कुछ ऐसे वायरस एक्टिव हो जाते हैं जो हमें बीमार करते हैं।
सर्दियां जाने के बाद भी वायु प्रदूषण पूरी तरह नहीं गया है। गर्म हवाओं और निर्माण कार्यों के कारण हवा में धूल बनी हुई है, जिससे गले और नाक में जलन होती है और संक्रमण आसानी से हो सकता है। सर्दियों में भारी खाना और कम शारीरिक गतिविधि से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। अचानक गर्मी का असर शरीर को थका देता है और बीमारी की चपेट में ला देता है।
जैसे ही गर्मी आती है, लोग ठंडा पानी, आइसक्रीम और एयर कंडीशनर की ओर भागते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि ये बदलाव शरीर के तापमान को प्रभावित करते हैं और गले में इंफेक्शन पैदा करते हैं।
अब इतनी लापरवाही जब आपने की है तो सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार तो होना ही है। एक घर में कोई बीमार हुआ तो पूरे घर का नंबर लग जाता है।

बचाव के लिए डॉक्टर की सलाह-
-खूब पानी पिएं और गर्म चीजें जैसे सूप, हल्दी वाला दूध लें- बुखार या खांसी में ठंडी चीजें और आइसक्रीम से बचें।
– खांसी या छींक आने पर मास्क पहनें।
– भाप लें, इससे गले और नाक की परेशानी में आराम मिलेगा।
– विटामिन C युक्त फल, अदरक, लहसुन और हरी सब्जियां खाएं।
– अगर लक्षण 5-6 दिन से ज़्यादा रहें, बुखार बढ़े या सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
गर्मियों में सर्दी-जुकाम की परेशानी ज्यादातर वायरस की वजह से होती है :
लोग अक्सर सर्दी-जुकाम होने पर एंटीबायोटिक ले लेते हैं। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना भी सही नहीं समझते। उन्हें लगता है कि सेहत में सुधार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। आपको दो बातें समझनी होंगी। गर्मियों में सर्दी-जुकाम की परेशानी ज्यादातर वायरस की वजह से होती है। बैक्टीरिया की वजह से नहीं।
एंटीबायोटिक दवाइयां सिर्फ बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को खत्म करती हैं, वायरस से होने वाली बीमारियों को नहीं।
गर्मी में होने वाली यह समस्या लगभग 10 दिन तक हो सकती है। 7 दिन बाद इसके लक्षणों में कमी और स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। बड़ों की तुलना में बच्चे जल्दी रिकवर होते हैं। बच्चे 7 दिन से भी कम समय में ठीक हो सकते हैं। हालांकि, सर्दी-जुकाम ठीक होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज की उम्र कितनी है|