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आठ वर्ष से अस्सी वर्ष के प्रतियोगी ने भाग लिया

नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद) १७ अप्रैल | महाप्रभु वल्लभाचार्य के प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में श्री वल्लभ विलास में आयोजित भजन संगीत स्पर्द्धा में संभागियों की प्रस्तुतियों ने श्रद्धालु श्रोताओं को भक्ति भाव से भर दिया।
पुष्टि प्रसार अधिकारी दयाशंकर पालीवाल ने बताया कि कार्यक्रम में नगर एवं बाहर की विभिन्न संस्थानों से आये विविध वर्गों के प्रतियोगियों ने एक से बढ़ कर एक मधुर भजन प्रस्तुत किये जिससे माहोल भक्ति रस से सराबोर हो गया।
हारमोनियम और ढोलक की संगत के साथ कनिष्ठ, वरिष्ठ और महाविद्यालय वर्ग के तथा शैक्षणतर वर्ग के प्रतियोगियों ने-हेश्री वल्लभ प्रभु नो नाम प्राण प्योरो छेः, मेरो तो आधार श्री वल्लभ के चरणार बिंद, फूलों में सज रहे हैं श्री वृन्दावन बिहारी, हे मारा घट में बिराजता श्रीनाथजी महाप्रभुजी, अच्युत्तम के शवम् आदि कृष्ण एवं वल्लभ के भजनों की लयबद्ध प्रस्तुति की। आठ वर्ष से अस्सी वर्ष के प्रतियोगी ने भाग लिया। रोचक आर्यकम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद् डा. भगवान लाल थे, जिन्होंने स्वयं और मोतीलाल, प्रकाश, धीरज एवं मुकेश शर्मा ने भी मधुर राग में सुंदरतम भजन सुना कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।