53 हजार वैकेंसी के लिए 24 लाख से अधिक आवेदन

जयपुर 22 अप्रैल ( दिव्य शंखनाद) । सरकारी नौकरियों की बढ़ती मांग और देश में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति ने एक बार फिर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। राजस्थान में हाल ही में चपरासी की नौकरी के लिए 53,749 पदों पर वैकेंसी जारी हुई है जिसके लिए करीब 24 लाख 76 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना आवेदन दिया है। चपरासी की नौकरी के लिए आवेदकों में न केवल MBA, MSc, MEd वाले छात्रों ने अपना आवेदन दिया है बल्कि PhD जैसे उच्च शिक्षित युवा भी चपरासी की नौकरी पाने की दौड़ में शामिल हो गए हैं | इन आवेदकों में बड़ी संख्या में वो लोग भी शामिल हैं जो कि सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारियां कर रहे हैं। ये स्थिति देश में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति की तरफ साफ तौर पर इशारा कर रही है|
आवेदनों की बाढ़, बेरोजगारी का आलम
राजस्थान अधीनस्थ और मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) द्वारा आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में हर एक वैकेंसी के लिए औसतन 46 से अधिक आवेदन आए हैं। बोर्ड के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आवेदकों में से करीब 3 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने पोस्ट ग्रेजुशन की डिग्री हासिल की हुई है। जिनमें करीब 12 हजार से अधिक PhD धारक हैं। इसके अलावा, हजारों उम्मीदवारों ने MBA, MEd, MSc और अन्य तकनीकी डिग्रियां प्राप्त की हुई हैं। ये स्थिति उस विडंबना को उजागर करती है, जहां उच्च शिक्षा प्राप्त युवा न्यूनतम शैक्षिक योग्यता वाली नौकरियों को करने के लिए मजबूर हो रखे हैं।
क्यों इतनी बड़ी संख्या में लोग भर रहे हैं आवेदन?
चपरासी की नौकरी, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 5वीं या 8वीं पास है, में वेतनमान 18,000 से 56,900 रुपये (7वें वेतन आयोग के अनुसार) तक है। इसके साथ ही, सरकारी नौकरी की स्थिरता, पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं, और अन्य भत्ते इसे आकर्षक बनाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि निजी क्षेत्र में अनिश्चितता, कम वेतन, और नौकरी की असुरक्षा के कारण युवा सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।