सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में होने से उनकी किरणें धरती पर सीधी और तेज पड़ती हैं

नाथद्वारा ( दिव्यशंखनाद ) 20 मई | नौतपा ज्येष्ठ माह में लगते हैं। नौतपा के नौ दिनों की अवधि में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है।
नौतपा की तिथि कब से कब तक है:
ग्रहों के राजा सूर्य 25 मई को सुबह 03 बजकर 27 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में गोचर करेंगे| 15 दिन तक इस नक्षत्र में रहने के बाद 08 जून को मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। जानकारों का मानना है कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में होने से उनकी किरणें धरती पर सीधी और तेज पड़ती हैं, यही कारण है कि इस अवधि में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है।
दरअसल नौतपा तब होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है| इस दौरान सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होता है, जिससे गर्मी का असर बहुत बढ़ जाता है, इसके बाद सूर्य के मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश से नौतपा खत्म हो जाता है|
सूर्य के सबसे नजदीक होती है पृथ्वी :
नौतपा में पृथ्वी और सूर्य काफी नजदीक आ जाते हैं| इस समय रोहिणी की शुभता और कोमलता पर सूर्य के अग्नि तत्व का असर पड़ता है| सूर्य की रोशनी सीधे लम्बवत पड़ने से पृथ्वी पर गर्मी में तेजी आ जाती है| इस बीच अगर नौतपा के दौरान बारिश हो जाती है तो उसे नौतपा का गलना कहा जाता है|
नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है| इन दिनों में पानी खूब पिया जाता है और जल दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न हो| इस तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाता है| इसके साथ ही नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी और भी चीजें खाई जाती हैं|
नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान:

नौतपा के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है| ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू पानी और ताजे फलों के जूस का सेवन करना लाभकारी होता है| तेज धूप में बाहर निकलने से बचें और यदि निकलना ज़रूरी हो, तो सिर को कपड़े या टोपी से अच्छी तरह ढककर ही बाहर जाएं|
इस दौरान शरीर पर अत्यधिक दबाव डालने वाले कार्य या शारीरिक श्रम से भी परहेज करें, क्योंकि गर्मी से थकावट और डिहाइड्रेशन की आशंका बढ़ जाती है| थोड़ी सी सावधानी से आप नौतपा के दिनों को सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से पार कर सकते हैं|

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव को दूध चढ़ाने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली लाता है। नौतपा में दूध अर्पित करने से सूर्य ग्रह शांत होता है और मानसिक शांति मिलती है।
नौतपा में करें इन चीजों का दान-
नौतपा के 9 दिनों में दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। इस अवधि में मौसमी फल, सत्तू, सूती वस्त्र, मटका, हाथ का पंखा, छाता व जल का दान करना लाभकारी होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से जन्मकुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।