
नाथद्वारा ( दिव्य शंखनाद ) 30 मई | महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर महाराणा मेवाड़ एवं नाथद्वारा विधायक माननीय श्री विश्वराज सिंह मेवाड़ तथा महारानी मेवाड़ एवं राजसमंद सांसद श्रीमती महिमा कुमारी मेवाड़ ने देवगढ़ और रेलमगरा में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की। देवगढ़ में उन्होंने महाराणा प्रताप की भव्य अश्वारूढ़ प्रतिमा का अनावरण किया तो वहीं रेलमगरा में भी मेवाड़ क्षत्रिय महासभा द्वारा आयोजित महाराणा प्रताप जयंती समारोह में मौजूद रहे।
देवगढ़ में आयोजित मूर्ति अनावरण समारोह में प्रधान कल्पना कुलदीप सिंह ताल, पूर्व विधायक बंशीलाल, पूर्व जिलाध्यक्ष भैरव लाल शर्मा, मान सिंह बारहठ, जिला मंत्री अजय सोनी, पूर्व मण्डल अध्यक्ष ओम प्रकाश, महाराणा प्रताप स्मारक अध्यक्ष चंद्रवीर सिंह, अशोक सिंह मेतवाला, महेंद्र सिंह आगरिया, मोहब्बत सिंह राठौड़, निरंजन नारायण सिंह आदि मौजूद रहे।

कार्यक्रमों में आमजन को संबोधित करते हुए श्री मेवाड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी महाराणा प्रताप के गुणों को अपनाएं, करीब 400 वर्षों तक महाराणा प्रताप की जयंती सार्वजनिक रूप से नहीं मनाई गई, गत 40-50 वर्षों से सार्वजनिक कार्यक्रमों का चलन बढ़ा, क्योंकि राजनीतिक दलों को यह लगा कि महाराणा प्रताप और भील भाई के नाम पर लोग एकत्रित होते हैं। हालांकि ऐसे लोग भी हैं जो स्वच्छ मन से महाराणा प्रताप की जयंती मनाते हैं।

श्री मेवाड़ ने कहा कि आजकल कई संगठन हो गए हैं, कोई हिन्दू तारीख तो कोई अंग्रेजी तारीख को जयंती मना रहा है, कई जगह सात-सात दिनों तक कार्यक्रम हो रहे हैं, ऐसा होना जयंती नहीं एक मेले का रूप है। श्री मेवाड़ ने कहा कि मेवाड़ में कभी कोई खींचतान नहीं हुई, यह पहचान भी धीरे-धीरे कमजोर हो गई, राजनेता-प्रशासन का कर्तव्य है कि समाज को प्रगति की ओर ले जाएं, समाज को एकजुट रखें।
देवगढ़ कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में भी कई बाधाएं आई, शायद कुछ लोगों को यह पसंद नहीं था कि महाराणा प्रताप के वंशज के हाथों मूर्ति का अनावरण हो, यह सबूत है कि जो महाराणा प्रताप की जयंती मनाते हैं, जरूरी नहीं कि वे महाराणा प्रताप का सम्मान भी करते हैं। आज हम तय करें कि मेवाड़ की पहचान को और मजबूत करें, प्रभु श्री एकलिंगनाथ से प्रार्थना है कि वे मेवाड़ पर अपनी कृपा बनाए रखें। दोनों ही कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में आए स्थानीय जन मौजूद रहे।