राजस्थान के पर्यटन, विरासत संरक्षण और बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास के बिंदुओं पर चर्चा

जयपुर ( दिव्य शंखनाद ) 05 जून । उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी की अध्यक्षता में बुधवार को जयपुर स्थित पर्यटन भवन में पर्यटन विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें राजस्थान के पर्यटन, विरासत संरक्षण और बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास के बिंदुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में पर्यटन सचिव रवि जैन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में पर्यटन स्थलों, स्मारकों, संग्रहालयों और धार्मिक स्थलों का ऐसा निर्माण और विकास किया जाए कि उन्हें देखकर पूरी दुनिया आश्चर्यचकित हो जाए।
बैठक में झुंझुनूं में ‘वार म्यूजियम’ स्थापित करने पर चर्चा की गई। इस संग्रहालय में राजस्थान के वीर सैनिकों की शौर्य गाथाएं, युद्ध कौशल और ऐतिहासिक युद्धों से जुड़ी सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। योजना की डीपीआर इस क्षेत्र की विशेषज्ञ एजेंसी से तैयार कराने के निर्देश दिए।
जयपुर का ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल संग्रहालय अब एक स्मार्ट म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत डिजिटल लाइट एंड साउंड शो, इंटरैक्टिव डिस्प्ले, वर्चुअल रियलिटी और एआर तकनीक जैसे आधुनिक फीचर्स जोड़े जाएंगे। इससे संग्रहालय की वैश्विक स्तर पर पहचान बनेगी| प्रदेश के संग्रहालयों और किलों के डिजिटलीकरण की योजना को भी मंजूरी दी गई। 25 करोड़ रुपये की लागत से AR आधारित अपग्रेडेशन, RFID टैगिंग, और वर्चुअल टूर सिस्टम लागू किए जाएंगे। पहले चरण में छह माह में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
पुष्कर के लिए 100 करोड़ रुपये की विकास योजना—
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुष्कर की विकास योजना की पीपीटी प्रस्तुत की गई। इसमें मूल स्वरुप का ध्यान रखते हुए आवश्यक आधारभूत विकास कार्यों को प्राथमिकता से लिया जाकर शीघ्र डीपीआर प्रस्तुत करने के अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए गए। ब्रहमा मंदिर कोरिडोर, घाटों का जीर्णोद्धार, थीम पार्क में लेज़र शो, डिजिटल गाइडिंग सिस्टम, सावित्री वाटिका, और ब्रहमा से वराहा चौक तक कॉरिडोर निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुष्कर मेला ग्राउंड का समुचित विकास भी पुष्कर विकास योजना में सम्मिलित किया जाए।
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट और ट्राइबल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा—
बैठक में महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट को भव्य रूप से विकसित करने, युद्ध संग्रहालय झुंझुनूं, और संग्राहलयों के नवाचार पर भी चर्चा हुई। वहीं, ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट के तहत डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व उदयपुर जिलों में आदि वासी जीवन शैली को शो केस करते हुए शिल्पग्राम और जनजातीय संग्रहालय के विकास से आदिवासी युवाओं को रोजगार देने आधार बनाकर डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए।