वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान की शुरूआत

जयपुर, 05 जून। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल ही जीवन है। हम सभी का कर्तव्य है कि हम प्रकृति का संरक्षण करें। उन्होंने कहा कि गुरूवार से शुरू हो रहे वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान के तहत प्रदेशभर में जल संचयन एवं पर्यावरण संरक्षण के तहत विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि जन सहभागिता को बढ़ावा देते हुए वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान में ज्यादा से ज्यादा श्रमदान करें। परंपरागत जलस्रोतों को स्वच्छ बनाएं जिससे वर्षा जल का संचयन हो।
श्री शर्मा गुरूवार को विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा के अवसर पर जयपुर के रामगढ़ में वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान के तहत रामगढ़ बांध पर श्रमदान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम सब रामगढ़ बांध को एक बार फिर जल से परिपूर्ण करने के लिए श्रमदान करने हेतु एकत्रित हुए हैं। आज हमारे द्वारा बहाई गई पसीने की एक-एक बूंद भविष्य में यहां पानी के बड़े भंडार में बदलकर प्रदेशवासियों के लिए अमृत का काम करेगी। उन्होंने इस अवसर पर जल संचयन एवं संरक्षण के कार्य करने के लिए पत्रिका समूह का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने लगाया सिंदूर का पौधा
मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत जमवारामगढ़ में सिंदूर का पौधा लगाया। इस दौरान वन राज्य मंत्री श्री संजय शर्मा ने तुलसी का पौधा भेंट कर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। इस अवसर पर विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं पर्यावरणविद् उपस्थित रहे।
जल संचयन के कार्यों में जनमानस दें अपना योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि वृहद स्तर पर जनमानस को जोड़ते हुए जल संग्रहण कार्याें के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ शुरू किया गया है। यह अभियान प्रदेशवासियों का अपना अभियान है एवं इसमें सभी की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज गंगा दशमी के दिन अपने आसपास के जल स्रोतों, नदियों, जल धाराओं और तालाबों की पूजा-अर्चना करें तथा इनके संरक्षण में बढ़-चढ़कर योगदान दें।
प्रधानमंत्री ने की सामाजिक सरोकारों के कामों की अभिनव पहल

श्री शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में सामाजिक सरोकार के अनेक काम हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान को जन-जन का अभियान बनाया। साथ ही, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बालिका लिंगानुपात में सुधार तथा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया। श्री मोदी ने देशभर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान चलाया जिससे आमजन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता आई। इस अभियान से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष मानसून सीजन में 7 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। आगामी वर्षा काल में हम 10 करोड़ पौधे लगाने जा रहे हैं। श्री शर्मा ने आमजन से आह्वान किया कि इस अभियान के तहत सभी कम से कम एक पेड़ लगाएं, जिससे पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को गति मिले।
प्रदेश में पानी की आपूर्ति के लिए उठाए महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की आवश्यकता को समझते हुए हमारी सरकार ने डेढ साल में जलापूर्ति के लिए लगातार निर्णय लिए हैं। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, इंदिरा गांधी नहर, देवास परियोजना, माही बांध, सोम-कमला-अंबा सहित विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में जल संचयन तथा पानी की उपलब्धता को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम पानी के क्षेत्र में राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।
कर्मभूमि से मातृभूमि के तहत प्रवासी निभा रहे जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका
श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान में सतही जल कम होने के कारण भूजल पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में परंपरागत जल स्रोतों को साफ-सुथरा रखकर और नए जल स्रोतों का निर्माण कर हम पानी की लगातार बढ़ती जरूरत को पूरा कर सकते हैं। इसी क्रम में हमने इस साल जनवरी में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान शुरू किया। प्रवासी राजस्थानी के माध्यम से प्रदेश में प्रत्येक जिले में जल संरक्षण संरचनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजकर जल उपलब्धता बढ़ाएगा तथा भूजल स्तर को बढ़ाने में भी मददगार बनेगा।