सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अनुमति दी
दिल्ली, 29 मई। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए एक नई आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट तैयार की है। राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने आरटी-पीसीआर कोरोना वायरस की जांच के लिए नमूने लेने और उनके प्रोसेसिंग का आसान और तेज तरीका विकसित किया है। जो ग्रामीण एवं जनजातीय इलाकों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस टेस्ट में सैंपल लेना भी आसान होगा और नतीजे भी जल्दी मिलेंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने पिछले हफ्ते इस नयी टेस्टिंग किट को मंजूरी दे दी है।
मरीज खुद ही नमूना ले सकते हैं
उन्होंने कहा कि नाक में और मुंह में रूई के फाहे से नमूने लेने के तरीके में तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है और समय भी लगता है। इसके उलट, सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीके में साधारण ट्यूब होती है जो नमकीन घोल से युक्त होती है। उन्होंने कहा, सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीका तत्काल, सुविधाजनक एवं मरीजों के अनुकूल है। नमूने तुरंत ले लिए जाते हैं और परिणाम तीन घंटे के भीतर आ जाते हैं। खैरनार ने बताया कि इस प्रक्रिया में शरीर के किसी हिस्से में कोई उपकरण नहीं डाला जाता और इतना आसान है कि मरीज खुद ही नमूना ले सकते हैं।
आईसीएमआर ने भी दे दी है मंजूरी
खैरनार ने बताया कि मरीज को इस घोल से गरारा करना होता है और इसे ट्यूब में डालना होता है। इस ट्यूब में लिए गए नमूने को प्रयोगशाला ले जाया जाता है जहां उसे सामान्य तापमान पर नीरी द्वारा तैयार विशेष बफर घोल में रखा जाता है। इस घोल को गर्म करने पर आरएनए टैंपलेट बनता है जिसे आरटी-पीसीआर के लिए प्रसंस्कृत किया जाता है। सीएसआईआर ने बताया कि नागपुर नगर निगम ने इस तरीके से जांच के लिए अनुमति दे दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि यह तरीका गेमचेंजर साबित हो सकता है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इसे अनुमति दे दी है।
आमतौर पर RT-PCR जांच स्वाब के जरिए की जा रही है। इसके तहत व्यक्ति के नाक और गले से सैंपल हासिल किया जाता है। नए ‘सेलाइन गार्गल’ में एक ट्यूब शामिल होगा। व्यक्ति को सेलाइन को अपने मुंह में रखना होगा और 15 सेकंड तक गरारा करना होगा. इसके बाद तरल को ट्यूब में थूक दें और जांच के लिए भेज दें। लैब में जाने के बाद इस सैंपल को नीरी के तैयार विशेष सॉल्युशन में रूम टेम्प्रेचर पर रखा जाएगा। सॉल्युशन के गर्म होने पर RNA टेम्प्लेट तैयार होगी। इस सॉल्युशन को आगे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमेरेज चेन रिएक्शन यानी आरटी-पीसीआर के लिए ले जाया जाएगा।