राजसमंद | राजसमंद जिले का गठन दिनांक 10-04-1991 को हुआ था, परन्तु नवीन जिला गठित होने के 28 वर्ष बाद भी उपखण्ड स्तर की जेल ही कार्यरत है। उक्त जेल की बंदी क्षमता मात्र 55 बंदियों की है जबकि वक्त निरीक्षण कारागृह में कारागृह में 69 बंदी निरूद्ध मिले, वर्तमान में विश्वव्यापी कोरोना महामारी के मध्यनजर क्षमता से अधिक बंदी निरूद्ध होने के कारण कारागृह में सोशियल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो पा रही है।
पूर्व में किये गये निरीक्षण में कारागृह में क्षमता से लगभग दोगनी क्षमता में बंदी निरूद्ध थे जिस पर श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद द्वारा उपमहानिरीक्षक केन्द्रीय कारागृह, उदयपुर को बंदी स्थानान्तरण के लिये निर्देशित किया गया था | जिसकी अनुपालना में 20 बंदियों को कोटड़ा एवं 10 बंदियों को छोटी सादड़ी कुल 30 बंदियों को उप जिला कारागृह में स्थानान्तरित किया जा चुका है। कारागृह अधीक्षक द्वारा बताया गया कि कारागृह में नियमित हाइपोक्लाराइड को छिडकाव करवाते हुये कोविड गाईडलाईन की पालना की जा रही है। बंदियों को टीकाकरण किया जा चुका है। नवीन प्रेविशत बंदियों से वार्ता की गयी दो बंदियों ने पैरवी हेतु अधिवक्ता नियुक्त नहीं होना बताया जिस पर श्री वैष्णव ने निःशुल्क विधिक सहायता योजना के तहत सरकारी खर्चे पर पैरवी हेतु निःशुल्क विधिक सहायता आवेदन करने की कार्यवाही करवाने के निर्देश दियें साथ ही कारागृह की सुरक्षा व्यवस्था को जायजा लेते हुये कारागृह में सुरक्षा एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु लगे हुये सीसीटीवी कैमरों मे से खराब पाये गये कैमरों को अविलंब सही करवाने के निर्देश दिये ताकि कारागृह में सुरक्षा से सबंधित कोई खतरा होने की संभावना नहीं रहें।
साथ ही बंदियों से संवाद कर भोजन व्यवस्था के बारे में जानकारी ली | प्रातः नाश्ते में बंदियों को नमकीन खीचड़ी एवं सुबह भोजन में कैरी की सब्जी चपाती दी गयी। कोई भी बंदी संक्रमित बीमारी से ग्रसित नहीं है।
बंदियों को निःषुल्क विधिक सहायता, पीड़ित प्रतिकर योजना एवं असंगठित क्षेत्र में मजदूरों के लिये कल्याणकारी नालसा योजना 2015, बालकों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार एवं संरक्षण हेतु नालसा योजना 2015, वृ़द्वजनों के लिये कल्याणकारी नालसा योजना 2016 के बारे में जानकारी प्रदान की। इस दौरान जेलर श्री जसवंत सिंह उपस्थित रहे।