प्रमुख लोगों के संदेश, नुक्कड़ नाटक आदि के जरिए दिया जाएगा संदेश
नई दिल्ली | केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीन के प्रति जागरूकता लाने और आशंकाओं-अफवाहों को रोकने के लिए उनके मंत्रालय की ओर से 21 जून से जान है तो जहान है अभियान शुरू किया जाएगा. नकवी ने एक बयान में बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों, महिला स्वयं सहायता समूहों आदि को साथ लेकर देश के ग्रामीण एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता के लिए ये अभियान शुरू कर रहा है.
इस अभियान में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, मेडिकल, विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों के प्रमुख लोगों के संदेश, नुक्कड़ नाटक आदि के जरिए सकारात्मक संदेश दिया जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के मुताबिक इस अभियान की शुरुआत 21 जून को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से होगी और फिर इसका पूरे देश में विस्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों ने देश के कुछ क्षेत्रों में कोरोना टीकाकरण को लेकर अफवाहों और आशंकाओं का माहौल बनाने की कोशिश की है. ऐसा भ्रम पैदा करने वाले लोगों की सेहत-सलामती के दुश्मन हैं.
नकवी ने इस बात पर जोर दिया कि देश के वैज्ञानिकों के परिश्रम के परिणाम स्वरूप दो मेड इन इंडिया टीके तैयार हुए हैं, वैज्ञानिक रूप से ये साबित हो चुका है कि ये टीके पूरी तरह सुरक्षित हैं और कोरोना संक्रमण से बचाव का प्रमुख हथियार हैं. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने बताया कि टीकाकरण को लेकर आशंकाओं और अफवाहों को दूर करने के लिए जान है तो जहान है अभियान में राज्य की हज कमेटियां, वक्फ बोर्ड, वक्फ से जुड़े शैक्षणिक संस्थान, केंद्रीय वक्फ काउंसिल, मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की नई रोशनी योजना के अंतरगर्त कार्यरत महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप एवं स्वयं सहायता समूह शामिल होंगे.
अभी तक करोड़ों लोगों को कोरोना का टीका लगाया | इस अभियान के तहत जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी, फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ़्ती मुकर्रम अहमद, जैन धर्म गुरु आचार्य लोकेश मुनि, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, अजमेर शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन सय्यद जैनुल आबेदीन और कई अन्य धर्मगुरु और अल्पसंख्यक समुदायों के विद्वान लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता का प्रभावी संदेश देंगे.