दोबारा खुलने की प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की ढिलाई ना हो, टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट रणनीति का कठोरता से पालन हो, कोविड संबंधी व्यव्हार, टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और टीकाकरण, टेस्टिंग रेट ना गिरे
नई दिल्ली. देश के कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. इस बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों को पत्र लिखकर कोविड संबंधी व्यवहार और टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट रणनीति का कठोरता से पालन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से हालात पर बारीकी से निगरानी रखने के लिए कहा है. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकारों को टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाने की सलाह दी. मार्च के बाद संक्रमण के नए मामलों में इजाफा होने के चलते कई राज्यों ने आंशिक और पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया था.
केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को लिखे पत्र में कहा, ‘मामलों में गिरावट के बाद गतिविधियों को दोबारा शुरू करना जरूरी है. ऐसे में राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस बात को सुनिश्चित करें की पूरी प्रक्रिया सावधानी के साथ अमल में लाई जा रही है.’ उन्होंने कहा है कि पाबंदियों को लगाने और हटाने का फैसला जमीनी हालात के आकलन के बाद लिया जाएगा.
पांच रणनीतियों पर जोर
पत्र में सचिव भल्ला ने कोविड की रोकथाम के लिए पांच रणनीतियों पर जोर दिया है. इसमें कोविड संबंधी व्यव्हार, टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और टीकाकरण शामिल है. उन्होंने कहा है कि कुछ राज्यों में पाबंदियों में ढील के बाद लोगों की भीड़ का जुटना शुरू हो गया है. ऐसे में इस बात को पुख्ता किया जाना जरूरी है कि दोबारा खुलने की प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह की ढिलाई ना हो.
टेस्टिंग को लेकर सचिव ने छोटे स्तर पर सक्रियता की बात कही है. उन्होंने कहा, ‘हालात गतिशील हैं. ऐसे में एक्टिव केस या पॉजिटिविटी की बढ़ती दर के संकेतों पर नजर रखे जाने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘माइक्रो स्तर पर एक सिस्टम को स्थापित करना चाहिए, जहां मामले बढ़ने पर वहीं कंटेनमेंट उपायों के जरिए उनकी जांच हो सके.’ उन्होंने कहा है कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूर है. ऐसे में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों से तेज रफ्तार से ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाना चाहिए.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने तीसरी लहर की आशंका जताई है. उन्होंने कहा है कि 6-8 हफ्तों में तीसरी लहरी की दस्तक हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘अब जब हमने अनलॉकिंग शुरू कर दी है, तो फिर से कोविड संबंधी व्यवहार की कमी देखी जा रही है. ऐसा नहीं लग रहा कि हमने पहली और दूसरी लहर के बीच क्या हुआ, इससे कुछ सीखा है. फिर से भीड़ जुटना शुरू हो गई है… लोग एक साथ मिल रहे हैं.