नए नियम सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को मजबूत बनाएंगे.
अब सोशल मीडिया पर किसी से हुए दुर्व्यवहार के लिए एक फोरम की व्यवस्था की गई है.
नई दिल्ली | सोशल मीडिया को लेकर भारत में लागू किए गए आईटी के नए नियमों पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के कुछ एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए. अब भारत सरकार ने इन सवालों पर संयुक्त राष्ट्र को जवाब भेजा है. भारत सरकार ने अपने जवाब में साफ तौर पर कहा है कि, देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल होने की वजह से ऐसा करना पड़ा है. आपको बता दें कि इसके पहले संयुक्त राष्ट्र के कुछ एक्सपर्ट्स ने भारत सरकार द्वारा लगाए गए नए आईटी नियमों पर आपत्ति जताई थी. इन एक्सपर्ट्स का आरोप था कि भारत सरकार द्वारा लगाए गए नए नियम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंड के हिसाब से नहीं हैं. आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई नई गाइडलाइंस को पिछले महीने की 26 तारीख को लागू किए गए थे. इस नए नियम को मध्यस्थ दिशा निर्देश डिजिटिल मीडिया आचरण संहिता नाम दिया गया है.
भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को दिए गये जवाब में ये साफ किया है कि उसने सोशल मीडिया को लेकर नए आईटी नियम क्यों बनाए हैं. इस जवाब में भारत सरकार ने बताया है कि नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद से देश में आतंकवादियों की भर्ती, अश्लील फिल्मों का छोटे-छोटे बच्चों तक पहुंचना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, हिंसक संवाद, अवैध हथियारों की बिक्री वित्तीय धोखेबाजी जैसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिसके बाद भारत सरकार को आईटी के नियमों में बदलाव करना पड़ा.
भारत सरकार की ओर से जिनेवा में स्थित भारत के स्थाई कमीशन ने दिया है. साथ ही भारत सरकार ने इस जवाब के साथ ये भी कहा है कि ये नए नियम सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को भी मजबूत बनाएंगे. नये आईटी के नियमों के मुताबिक अब सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर किसी से हुए दुर्व्यवहार के लिए एक फोरम की व्यवस्था की गई है.