बाल कल्याण समिति द्वारा दर्ज करवायी गई जीरो एफआईआर
राजसमन्द |
राजसमन्द के दिवेर थाना क्षेत्र से चाइल्ड लाइन द्वारा पेश नाबालिग बालिकाओ के अपहरण व बलात्कार की जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति के देवथड़ी स्थित कार्यालय पर बैठक की गई जिसकी अध्यक्षता कोमल पालीवाल ने की व समिति के सदस्य बहादुर सिंह चारण, हरजेंद्र सिंह चौधरी, सिमा डागलिया, रेखा गुर्जर उपस्थित रहे ।
मामला यह है कि गुजरात राज्य के अहमदाबाद की दो सगी बहिने, जिसमें से एक बडौदा में अपनी मा के साथ रहती व एक अपने अहमदाबाद पिता के साथ रहती थी | जिसको करीब 3 माह पूर्व पिता द्वारा अपनी दूसरी बेटी को बडौदा से अपने पास लेकर आ गया जहां वह अपने परिवार के साथ रहती थी। अहमदाबाद में बालिकाओं के घर से कुछ दूर स्थित सब्जीमण्डी में सब्जी लेने जाती जहा पर दो लडके गन्दी निगाओ से देखते व फबतीया कहते। तब बालिकाए उनसे डर कर घर चली जाती लेकिन एक दिन एक बालिका के पास दोनो लडके आये व स्वयं का नाम सुरेश व श्याम बताया व कुछ कागज व फोन नम्बर देने लगे तब दोनो बालिकाओं ने डाटा एवं चिल्लाई तो दोनो लडको ने उन्हे धमकियां दी।
नाबालिग बालिकाओं के पिता द्वारा बडौदा से बेटी को लाने पर माता पिता के बीच आपस में झगडा हो गया व बालिकाओं से भी पिता की कहासुनी होने पर दोनो बहिने अपनी बुआ के घर जाने के लिए रात्रि को करीब 8 बजे अपने घर से रवाना हो गई। तब रास्ते में सुरेश व श्याम ने दोनो लड़को ने दोनों बालिकाओं को रोका व सुंगाकर गाडी में डाल दिया । बालिकाओ को जब होश आया तो दोनो लडको की बातो से मालूम हुआ कि उदयपुर के गोगुन्दा जंगलो में है। लडके वहां पर दारू पीकर बालिकाओं के साथ मारपीट करते तथा कुकर्म कर शादी करने का दबाव डालते|
सुरेश व श्याम दोनों ने बालिकाओं के साथ जबरदस्ती कई बार बलात्कार किया ओर एक महिना आठ दिन तक बंधक बनाकर रखा। कुछ दिन पूर्व सुरेश एक बाईक लेकर आया ओर दोनों नाबालिग बहिनों को राजसमन्द जिले के छापली नामक जगह पर लाये एवं खरीददारी करने में व्यस्थ होने का मौका का लाभ मिलने पर दोनों बहिने मौका देककर भाग गई।
उस समय रास्ते में एक व्यक्ति मिला जिसको सारी घटना बताई उस व्यक्ति ने स्वयं को छापली का सरपंच होनो बताया | जिसके द्वारा गाडी में बेठाकर दिवेर पुलिसथाना लेकर आयें।
जहां पर रात का समय हो जाने के कारण बालिकाओं को चाइल्ड लाईन के माध्यम से प्रस्तुत करने हेतु बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कोमल पालीवाल को चाइल्ड लाइन की मेम्बर अनीता वैरागी द्वारा जानकारी दी एवं बालिका को बाल कल्याण समिति के सदस्य रेखा गुर्जर के समक्ष पेश किया गया। जहां से बालिकाओं को सखी वन स्टाॅप सेन्टर पर अस्थायी आश्रय दिया गया एवं बाल कल्याण समिति के द्वारा बालिकाओं की कोविड एवं स्वास्थ्य जांच के बारे में आदेशित किया गया। बालिकाओं की कोविड रिपोर्ट आने के पश्चात बाल कल्याण समिति द्वारा नाबालिग बालिकाओं के साथ योन शोषण होने की गम्भिरता को देखते हुए बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादूरसिंह चारण, हरजेन्द्रसिंह चैधरी, सीमा डागलिया एवं रेखा गुर्जर द्वारा बालिकाओं के प्रकरण को देखा गया व बालिकाओ के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर समिति के द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक, राजसमन्द को बालिकाओं के प्रार्थना पत्र को भेजकर प्रकरण को जीरो एफआईआर दर्ज करने हेतु लिखा गया। जिस पर जिला पुलिस अधीक्षक राजसमन्द के कार्यालय द्वारा दिवेर थाने में प्रकरण भेजा गया जहां थानाधिकारी दिवेर द्वारा जीरो एफआईआर दर्ज की गई।
बालिकाओं के द्वारा अपने साथ श्याम व सुरेश द्वारा जबरन अपहरण कर गाडी में डालकर अहमदाबाद से उदयपुर व उदयपुर से गोगुन्दा तथा से गोगुन्दा के जंगल में बने कमरो में एक महिना 8 दिन बंधक बनाकर रखा व जबरन व डरा धमकाकर एवं जान से मारने की धमकी देकर कई बाई लगातार बलात्कार किया। बालिकाओं के द्वारा श्याम की उम्र करीब 20 वर्ष तथा सुरश की करीब 18 वर्ष होना बताया गया। उक्त दोनो ही बालिकाओं को बाल कल्याण समिति, राजसमन्द के द्वारा बालिकागृह में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया एवं बाल कल्याण समिति द्वारा नियमानुसार प्रकरण को बालिकाओं के निवास क्षेत्र के जिले में स्थित बाल कल्याण समिति को स्थानान्तरण किये जाने संबंधित कार्यवाही की जा रही है। जीरो एफ आई आर दर्ज होने पर सम्बन्धित थाने को अनुसंधान हेतु भेजी जाएगी ।