कोरोना से पीड़ित मरीजों को विकलांगता कानून के तहत सुरक्षा दी जाएगी
वॉशिंगटन, जुलाई 27: अमेरिका में जो बाइडेन सरकार ने कोविड-19 मरीजों के लिए विशेष घोषणा की है। अमेरिका में अगर लंबे समय तक किसी मरीज में कोरोना के लक्षण मौजूद रहे, तो ऐसे लोगों को विकलांगता कानून के तहत रखा जाएगा।
अमेरिकी सरकार के इस नियम के दायरे में आने वालों को सरकार की ओर से कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गाइडलाइंस जारी कर दी है।
जिसमें कहा गया है कि कोरोना के ऐसे मरीज जिनमें लंबे समय तक इसके लक्षण बने रहते हैं, जिनमें थकान और मानसिक थकान भी शामिल है, और जिनका स्तर विकलांगता के स्तर तक हो सकता है, उन्हें देश के विकलांगता कानून के तहत सुरक्षा दी जाएगी। ऐसे लोगों को नियम के दायरे में जो भी सुविधा होगी, दी जाएगी। उन्हें घर देने के अलावा उन्हें स्कूल और काम की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी, ताकि वे अपना जीवन पूरी गरिमा के साथ जी सकें।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये बातें व्हाइट हाउस में अमेरिकी विकलांग अधिनियम की 31वीं वर्षगांठ के मौके पर कही है। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग, न्याय एवं शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि भविष्य में कोरोना पीड़ित लोगों की मदद की जा सके। हालांकि, हर कोई इसके दायरे में नहीं आएगा और न ही लंबे समय तक लक्षण वाले मरीज अपने आप इसके दायरे में आएंगे। बल्कि, एचएच सेवा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार विशेषज्ञों की टीम निगरानी करेगी और फिर तय किया जाएगा कि किसे इस दायरे में रखा जाएगा या किसे नहीं। इसके तहत विशेषज्ञों की टीम पड़ताल करेगी कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति सही सलामत जिंदगी जीने के लिए काबिल है या नहीं।
कोरोना जांच में बीमार पाए गए लोगों को सरकार की तरफ से नियमानुसार सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। गौरतलब है कि कोविड-19 से पीड़ित कुछ मरीज कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, जबकि कुछ के लिए इसमें लंबा समय लगता है। इसके लंबे समय तक चलने वाले लक्षणों में जोड़ों का दर्द, बुखार, थकान, बालों का झड़ना और दृष्टि हानि शामिल हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यह समझने में जुटे हैं कि इस बीमारी को कब तक ठीक किया जा सकता है।