व्रज – श्रावण शुक्ल दसमी, मंगलवार, 17 अगस्त 2020
पुष्टिमार्ग की प्रधानपीठ नाथद्वारा में पुष्टिमार्गीय सेवा प्रणालिका के अनुसार श्रीनाथजी के आज के राग, भोग व श्रृंगार सहित दर्शन इस प्रकार है.
आगम के श्रृंगार के बारे में विशेष :
- पुष्टिमार्ग में 18 जुलाई, 2021 अर्थात कल बुधवार को पवित्रा एकादशी का उत्सव है. उत्सव होने के कारण आज श्रीजी को उत्सव के एक दिन पूर्व धराया जाने वाला आगम का हल्का श्रृंगार धराया जायेगा. सामान्य तौर पर प्रत्येक बड़े उत्सव के एक दिन पूर्व यह श्रृंगार धराया जाता है.
श्रीजी दर्शन :
श्रीजी की आज की साज सेवा के दर्शन : - साज सेवा के तहत श्रीजी में आज वस्त्रों के जैसी ही लाल रंग की मलमल पर रुपहली ज़री की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है.
- गादी और तकिया के ऊपर सफेद बिछावट की जाती है.
- स्वर्ण की रत्नजड़ित चरणचौकी हरी मखमल वाली होती है.
- चरणचौकी के साथ पडघा, बंटा आदि भी जड़ाऊ स्वर्ण के होते हैं.
- चांदी के पडघा के ऊपर माटी के कुंजे में शीतल सुगन्धित जल भरा होता है.
- दो गुलाबदानियाँ गुलाब-जल भर कर तकिया के पास रखी जाती हैं.
- सम्मुख में धरती पर त्रस्टी धरे जाते हैं.
- खेल के साज में पट लाल, गोटी छोटी सोने की आती है
श्रीजी को धराये जाने वाले वस्त्रों के दर्शन : - वस्त्र सेवा में श्रीजी को आज लाल रंग की मलमल का सुनहरी किनारी का पिछोड़ा धराया जाता है. ठाड़े वस्त्र पीले रंग के धराये जाते हैं.
श्रीजी को धराये जाने वाले श्रृंगार आभरण के दर्शन : - श्रृंगार आभरण सेवा के दर्शन करें तो प्रभु को आज छोटा अर्थात कमर तक का हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
- कंठहार, बाजूबंद, पौची आदि सभी आभरण पन्ना एवं सोने धराये जाते हैं.
- श्रीमस्तक पर लाल रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, मोरपंख की सादी चन्द्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
- श्रीकर्ण में पन्ना के कर्णफूल के दो जोड़ी धराये जाते हैं.
- आज कमल माला धरायी जाती हैं.
- श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.
- श्रीहस्त में कमलछड़ी, हरे मीना के वेणुजी एवं वेत्रजी (एक स्वर्ण का) धराये जाते हैं.
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ धराई जाती है.
- आरसी श्रृंगार में सोना की दिखाई जाती है.
- श्रीजी की राग सेवा :
मंगला : सोहेलरा नन्दमहर
राजभोग : आज की शोभा कहत न आवे
गावो गावो मंगलचार बधावो
हिंडोरा : नट के पद
सुरंग हिंडोरना हो माई
झुलत नव रंग संग
मुदित झुलावत
छबीले गोपाल झूलो
शयन : झूले नागरी नागर दोऊ
भोग सेवा दर्शन : - श्रीजी को दूधघर, बालभोग, शाकघर व रसोई में सिद्ध की जाने वाली सामग्रियों का नित्य नियमानुसार भोग रखा जाता है.
- मंगला राजभोग आरती एवं शयन दर्शनों में आरती की जाती है.
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है.
- सायंकाल में श्रीजी व श्री नवनीतप्रियाजी में पान के हिंडोलना के दर्शन होंगे.
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जय श्री कृष्ण।
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