व्रज – आश्विन शुक्ल पंचमी, रविवार, 10 अक्टूबर 2021
पाँचो विलास कियौ शयामाजू,
कदली वन संकेत ।
ताकी मुख्य सखी संजावलि,
पिया मिलनके हेत ।।१।।
चली रली उमगी युवती सब,
पूजन देवी निकसीं ।
धूप, दीप, भोग, संजावलि,
कमल कली सों विकसीं ।।२।।
आनँद भर नाचत गाबत,
वधू रस में रस उपजाती ।
मंडलमें हरी ततच्छि आये,
हिल मिल भये एकपाँती ।।३।।
द्वै युग जाम श्यामश्या
संग भाभिनी यह रस पीनौ ।
उनकी कृपा द्रष्टि अवलोकत,
रसिक दास रस भीनौ ।।४।।
पंचम विलास की भावना : आज पंचम विलास का लीला स्थल कदली वन निहित कुञ्ज है. आज के मनोरथ की मुख्य सखी संजावलीजी हैं और सामग्री दूधपुवा है.
श्रीजी दर्शन : आज के श्रृंगार आभरण ऐच्छिक है.
- साज सेवा में आज श्याम रंग के छापा की चाँद-सितारे और सूर्य की छापवाली सुनहरी ज़री की किनारी से सुसज्जित हांशिया वाली पिछवाई धरायी जाती है. जिसमें पीठिका के आसपास पुष्प-पत्रों का हांशिया बना है.
- गादी, तकिया और चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है.
- चरणचौकी के साथ पडघा, बंटा आदि भी जड़ाऊ स्वर्ण के होते हैं.
- पडघा पर बंटाजी में ताम्बुल बीड़ा पधराये जाते है.
- वस्त्र सेवा में आज श्रीजी को श्याम छापा का, सुनहरी ज़री की किनारी वाला सूथन, श्याम रंग के छापा के वस्त्र पर रुपहली ज़री की किनारी वाले खुलेबंद के चाकदार वागा धराये जाते हैं.
- ठाड़े वस्त्र गुलाबी रंग के धराये जाते हैं.
- श्रृंगार आभरण सेवा के दर्शन करें तो प्रभु को आज छेड़ान का हल्का श्रृंगार धराया जाता है.
- कंठहार, बाजूबंद, पौची, हस्त सांखला आदि सभी आभरण स्वर्ण के धराये जाते हैं.
- श्रीमस्तक पर श्याम रंग का छापा के पगा के ऊपर सिरपैंच, चंद्रिका, लूम, तुर्री सुनहरी जरी की एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.
- श्रीकर्ण में स्वर्ण के लोलकबंदी धराये जाते हैं.
- श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज गूंजा माला, कमल माला के साथ श्वेत पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं.
- श्रीहस्त में पुष्प छड़ी,स्वर्ण के वेणुजी और वेत्रजी धराये जाते हैं.
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ स्वर्ण की धराई जाती है.
- खेल के साज में पट श्याम व गोटी बाघ बकरी की आती है.
- श्रीजी की राग सेवा :
मंगला : सुन्दर सांवरे जब मुरली अधर धरी
राजभोग : वृन्दावन सघन कुञ्ज माधुरी लतान
आरती : गोवर्धन गिर चढ़ टेरी
शयन : आधार मधुर मुख रुख मोहन
मान : आज सुहावनी रात
पोढवे : मदन मोहन श्याम पोढ़े माई
भोग सेवा दर्शन : - श्रीजी को दूधघर, बालभोग, शाकघर व रसोई में सिद्ध की जाने वाली सामग्रियों का नित्य नियमानुसार भोग रखा जाता है.
- मंगला राजभोग आरती एवं शयन दर्शनों में आरती की जाती है.
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है.
……………………….
जय श्री कृष्ण।
……………………….
url yutube channel
https://www.youtube.com/c/DIVYASHANKHNAAD
……………….