मजिस्ट्रेट ममता जी ने कहा कि आज महिला बराबर का काम कर अपनी विशेष पहचान बना रही है
राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। आज महिलाओं के द्वारा घर व गृहस्थी के अलावा नौकरी, व्यापार, स्टार्टअप में, राजनीति में अपनी पहचान बना चुकी है । भारत मे महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति, महिला राज्यपाल व मुख्यमंत्री व न्यायाधीश के पद पर भी सुशोभित हुई है व चुनौतीयों में भी सफल कार्य किया है। महिलाओं के द्वारा बालकों के हित में भी विशेष कार्य किये जा रहे है। बाल कल्याण समिति राजसमन्द के द्वारा अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बालकों के लिए कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान समारोह बाल कल्याण समिति कार्यालय में आयोजित किया गया जिसकी। अध्यक्षता किशोर न्यायालय बोर्ड प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ममता जी ने की। प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ने कहा कि महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिये व बेटियों को पढ़ाने में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है आज महिला बराबर का काम कर अपनी विशेष पहचान बना रही है।
कार्यक्रम में रेखा गुर्जर, अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुर सिंह चारण व हरजेंद्र सिंह चौधरी, सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग जय प्रकाश चारण, परिवीक्षा अधिकारी विकास खटीक, अद्यपिका अनिता, मोना नंदवाना ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में मजिस्ट्रेट ममता जी, किशोर न्यायालय बोर्ड सदस्य शीतल नंदवाना व बाल कल्याण समिति सदस्य श्रीमती सीमा डागलिया, टिचर अनिता, मोना नंदवाना, शिशु की आया व बालिका गृह की सुनीता, सखी सेंटर की पंकज कुमावत, चाइल्ड लाइन टीम सदस्य अनिता वैरागी समेत बालकों के लिए सदैव अपने कार्य से सहयोग करने वाली 12 महिलाओं का नाथद्वारा की परम्परा अनुसार बालिका गायत्री से केसरिया इकलाई पहना सम्मान व स्वागत किया तथा श्रीनाथ जी का प्रसाद दिया गया । इस दौरान बाल अधिकारिता, सम्प्रेषण गृह, शिशु गृह, बालिका गृह के सदस्यों की भी उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम का संचालन बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल ने किया व कहा कि बाल विवाह के केस में कमी आये इसका प्रारंभ महिलाओं के जागरूक रहने पर ही सम्भव है । सदस्य बहादुर सिंह चारण ने कहा कि महिलाओं की हर क्षेत्र में सक्रिय भूमिका बढ़ी है जो भारत को आगे लाने में सहयोगी है । आभार अनिता वैराग के द्वारा दिया गया ।