नाथद्वारा (दिव्य शंखनाद)। नारी को अपनी शक्ति को पहचाननी होगा। कोई काम ऐसा नहीं है जो कोई नारी नहीं कर सकती। ये विचार संगीता श्रीवास्तव ने नाथद्वारा इंस्टीट्यूट आँफ बायोटेक्नोलाँजी एण्ड मैनेजमेंट में अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के मोके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रकट किए। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाएं अपना भविष्य बना रही है। सीखना निरन्तर बना रहे इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने काम से प्रेम करे। आगे सीख देते हुए कहा कि अपनी पहचान बनाने के लिए घर से ही शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने अपने आप को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। निदेशक दीपेश पारीख ने अतिथियों का अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में कविता पालीवाल ने देवी सूक्त पर नृत्य, माधुरी वैरागी ने अब कोई गोविन्द नहीं आयेगा कविता प्रस्तुत की। स्नेहा एण्ड ग्रुप ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर समाबांध दिया। याशिका पालीवाल की कविता पर सभी श्रोता भाव विभोर हो गए।
महाविद्यालय व्याख्याता डॉ. सुरज शर्मा ने बी बोल्ड फ़ॉर चेंज विषय पर पीपीटी के माध्यम से छात्राओं को सकारात्मक संदेश दिया। छात्राओं ने नृत्य प्रस्तुत कर समाबांध दिया। निदेशक दीपेश पारीख ने कहा कि नारी शक्ति को स्वयं अपनी पहचान बनाने की आवश्यकता है। प्राचार्या डॉ रंजना शर्मा ने छात्राओं को को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज्ञान से बडा कोई भी मित्र नहीं हो सकता है। पीआरओ धर्मेश पालीवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संस्थान में कार्यरत सभी महिला व्याख्याताओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन हर्षिता वैष्णव और हित्विका शर्मा ने किया ।