राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। जिले में नाथद्वारा जिला चिकित्सालय, आर.के. चिकित्सालय, राजसमन्द एवं राजकीय शिशु गृह में पालना गृह लगे होकर संचालित है। किन्तु केलवा क्षेत्र में पूर्व में एक शिशु को रोड किनारे छोड़ा गया। इसी प्रकार दिनांक 09.03.2022 को मियारी बस स्टेण्ड केलवा के सार्वजनिक शोचालयों में दो नवजात बालिकाओं को छोड़ कर चले गये। उक्त मामले में दोनों शिशु में से एक मृत हो जाने एवं एक का वर्तमान में उदयपुर महाराणा भोपाल चिकित्सालय में ईलाज चल रहा है। चिकित्सकों के द्वारा बताया गया कि शिशु के कमजोर होने एवं खुले में रह जाने से निमोनिया व इंफेक्शन हो जाता है, जो शिशु के जीवन के लिए भी गम्भीर परिस्थितियां उत्पन्न कर देता है।
बाल कल्याण समिति, राजसमन्द के द्वारा गुरुवार को हुई विशेष बैठक में अध्यक्ष कोमल पालीवाल व सदस्य बहादूरसिंह चारण, सीमा डागलिया, रेखा गुर्जर, हरजेन्द्र चौधरी उपस्थित रहे। उक्त परिस्थितियों को बाल संरक्षण इकाई अध्यक्ष जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना को पत्र के माध्यम से अवगत कराया तथा नवजात अवांछित शिशु के जीवन संरक्षण हेतु राजसमन्द जिले के प्रत्येक ब्लॉक अथवा तहसील मुख्यालय पर संचालित चिकित्सालय पर पालना गृह लगाये जाने का निवेदन किया जिससे भविष्य में रोड़ पर/झाड़ियों में/सार्वजनिक शोचालयों में ऐसे नवजात अवांछित शिशु को पालना में छोडे जाने पर समय पर संरक्षण स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा।
अध्यक्ष पालीवाल ने कहा कि राजस्थान के किसी भी जिले के सभी ब्लॉक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पालनागृह नहीं है। बाल कल्याण समित द्वारा राजसमन्द के ब्लॉक सामुदायिक केन्द्र पर पालना गृह स्थापित करने की मांग की। जिला कलक्टर राजसमन्द के द्वारा इस बारे में आश्वासन दिया कि नवजात अवांछित शिशु को जीवन मिले व रोड़ साईड व झाड़ियों में फेंके शिशु को, पालना में आश्रय मिले इस हेतु पालनागृह की संख्या बढाई जायेगी।