राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। राज्य बाल संरक्षण व अधिकारिता आयोग व राज्य मंत्री संगीता बेनीवाल सोमवार को एक दिवसीय राजसमंद दोरे पर रही। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुर सिंह चारण, हरजेन्द्र सिंह चोधरी व बाल अधिकारिता विभाग के साहयक निदेश जय प्रकाश चारण, परिवीक्षा अधिकारी विकास खटीक व कपिल चारण के द्वारा मंडवाड़ा टोल पर स्वागत किया गया। जहां से सीधे आसरा विकास संस्थान बालिका गृह का निरीक्षण किया व बालिकाओं से मुलाकात की गई। आयोग अध्यक्ष बेनीवाल व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यों का स्वागत किया गया व कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कोमल पालीवाल के द्वारा बालिकाओं के अपभ्रंश नाम के संशोधन की जटिल प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया।
बेनीवाल ने बालिका गृह की बालिकाओं से कहा कि ग्रामीण परिवेश में कई बार बोलते नाम ही विद्यालय में लिख दिये जाते है, जिसमे अणछी, मांगी, मूली, पानी, रोड़ी वगेरह सूनने में आते है। ऐसे में बालिकाओं के नाम सम्मानजनक हो इसके लिए विशेष प्रक्रिया जो सरल हो इसके लिए प्रयास किये जायेंगे। बालिका गृह से आर.के चिकित्सालय के एन.आई.सी.यू का निरीक्षण किया व होली की पूर्व संध्या पर पालना से प्राप्त बालिका की स्वास्थ्य जानकारी ली मदर मिल्क बैंक, पालना गृह का भी निरीक्षण किया।
अध्यक्ष के द्वारा नवजात को फेंके नही हमे दे आश्रय पालना गृह का जागरूकता पोस्टर का भी विमोचन किया गया। उन्होंने कांकरोली स्थित श्री द्वारिकाधीश जी की राजभोग की झांकि के भी दर्शन किये। जहां मन्दिर के अधिकारी विनीत सनाढ्य के द्वारा उनका समाधान किया गया व मन्दिर के इतिहास से अवगत करवाया तथा बेनीवाल के द्वारा राजसमन्द झील को देख कर प्रशंसा की गई।
सर्किट हाउस में जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना, अतिरिक्त जिला कलेक्टर कुशल कुमार उपखण्ड अधिकारी, डॉ. सापेला राजसमन्द, डिप्टी बेनी प्रसाद, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक जय प्रकाश समेत विभाग के अधिकारिगण उपस्थित रहे।
जन सुनवाई में आये भीम के एक केस में 10 से ज्यादा दिन से बालिका को लेजाने के केस में जल्द व त्वरित कार्यवाही के लिए निर्देश दिए गये इस दौरान DYSP बेनी प्रसाद भी उपस्थित रहे। आयोग की अध्यक्षा द्वारा झाड़ फूक अंधविश्वास जैसी कुरुति को समाप्त करने हेतु आवश्यक कार्यशाला, बाल श्रम के प्रकरणों में बालको को शिक्षा से जोड़ने व पीड़ित को जल्द से जल्द लाभ दिलाने का निर्देश दिया। उनके द्वारा हर वर्ग, समाज व सामाजिक संस्थाओं को बालको के हितों में मिलकर कार्य करने का आव्हान किया।
नाथद्वारा के राजकीय जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया व एमटीएच व जनाना वार्ड का निरीक्षण किया तथा चिकित्सालय में भर्ती मरीजो से भी स्वास्थ्य जानकारी ली। विद्यालय की बालिकाओं ने आयोग अध्यक्ष से बात की व आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में अध्यक्ष बेनीवाल के द्वारा बालिकाओं से सीधा संवाद किया गया जिसमें कुछ बाल विवाह के प्रकरण आने पर संज्ञान लिया और आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन किये व मन्दिर में भी परम्परा अनुसार समाधान किया गया।
राजसमन्द के प्रवास के पश्चात उदयपुर के लिए प्रस्थान किया जहां सम्भाग स्तरीय बाल आयोग आपके द्वारा के आयोजन के तहत बैठक की जाएगी। प्रतापगढ़ व चितौड़गढ़ के दौरे के बाद बुधवार को जयपुर पहुचेंगे।