राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के 5वें संस्करण में छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के गुर बताये और सफलता का मंत्र दिया।
इस दौरान पीएम मोदी ने छात्रों के साथ हल्का-फुल्का संवाद भी किया और परीक्षा एवं जीवन के विभिन्न पहलुओं पर बात की। संवाद के दौरान मोदी ने छात्रों से पूछा कि आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं या सिर्फ रील देखते हैं? दरअसल, एक बच्चे ने पूछा कि पिछले दो सालों में छात्र ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं और अब इससे छुटकारा पाने के लिए हम क्या करें?
इस पर मोदी जी ने कहा-
- मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं और कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाली परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता है।
- मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है। जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं। इसका मतलब है कि हमारा मन समस्या है। मुझे कितना ज्ञान अर्जित करना है मैं अपने मोबाइल फोन पर ले आऊंगा, जो मैंने वहां पाया है ऑफलाइन में मैं उसे पनपने का अवसर दूंगा।
- जितना आइपैड, मोबाइल फोन के अंदर घुसने में आनंद आता है, उससे हज़ार गुना आनंद अपने भीतर घुसने का होता है।दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे। जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे।
- मेरे लिए खुशी की बात है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिंदुस्तान के हर तबके में पुरजोर स्वागत हुआ है। इसलिए इस काम को करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं।
मैं नहीं मानता कि हमें परीक्षा के लिए पढ़ना चाहिए। मैं इस परीक्षा के लिए पढूंगा, फिर मैं उस परीक्षा के लिए पढूंगा। इसका मतलब हुआ कि आप पढ़ नहीं रहे हैं, आप उन जड़ी-बूटियों को खोज रहे हैं जो आपका काम आसान कर दें।