राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। श्री अंनत भंडारी, जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने, 1 अप्रैल को किशोर न्याय बोर्ड एवं राजकीय बाल संप्रेषण गृह का निरीक्षण कर विधि से संघर्षरत बालकों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण पर जोर दिया।
श्री मनीष कुमार वैष्णव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने बताया श्री अंनत भंडारी, ने किशोर न्याय बोर्ड का निरीक्षण कर लंबित प्रकरणों की प्रकृतिवार, आधारभुत सुविधा, कार्मिकों की उपलब्धता इत्यादि के सबंध में जानकारी ली।
तत्पश्चात् बाल संप्रेषण गृह में निरूद्ध बालकों से संवाद कर सुविधाओं एवं भोजन व्यवस्था की जानकारी ली। वक्त निरीक्षण गृह में 18 बालक उपस्थित मिले एवं बालकों के भोजन के लिये दाल, चावल एवं चपाती तैयार किया जा रहा था। गृह में निवासरत सभी बालकों ने भोजन व अन्य सुविधाओं के प्रति संतुष्टि प्रकट की। बालकों के निवास हेतु पर्याप्त व्यवस्था है।
निरीक्षण के दौरान के एक बालक मानसिक रूप से अस्वस्थ मिला, जिसे मनोचिकित्सक से उपचार एवं पर्याप्त निगरानी में रखने के निर्देश दिये साथ ही गृह अधीक्षक को बालकों को कौशल विकास हेतु कम्प्यूटर एवं अन्य प्रशिक्षण दिलवाने एवं नियमित अध्ययन के लिये अध्यापक की व्यवस्था करवाने के निर्देश दिये।