पीएम की हाई लेवल मीटिंग में बोले अधिकारी, लोकलुभावन योजनाएं ले डूबेंगी
राजसमन्द (दिव्य शंखनाद)। श्रीलंका महंगाई से कंगाल हो गया है। देर रात वहां पूरे कैबिनेट ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इमरजेंसी के बीच श्रीलंका में लगातार प्रदर्शन जारी है। ऐसे में भारत में भी श्रीलंका जैसी आर्थिक बदहाली की चिंताएं जताई जा रही हैं।
दलील दी गई है कि राज्यों की कई योजनाएं आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं और वो उन्हें श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं। सूत्रों के हवाले से मीटिंग की ये बात सामने आ रही है। पीएम आवास पर हुई इस मीटिंग में NSA अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा केंद्र सरकार के कई सीनियर आईएएस ऑफिसर शामिल हुए थे।
पीएम मोदी की सचिवों के साथ 9वीं बैठक में सूत्रों ने कहा कि 24 से अधिक सचिवों ने अपने विचार व्यक्त किए और अपनी प्रतिक्रिया शेयर की, जिन्होंने उन सब को ध्यान से सुना, साल 2014 के बाद से प्रधानमंत्री की सचिवों के साथ यह नौवीं बैठक थी।
श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। लोगों को तेल, रसोई गैस के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, आवश्यक चीजों की आपूर्ति कम है। साथ ही लोग लंबे समय तक बिजली कटौती के कारण हफ्तों से परेशान हैं।
सरकार की नाकामी के विरोध में पूरे देश में लोगों का हिंसक प्रदर्शन जारी है। सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है।