संग्रहालय में पुरामहत्व की वस्तुओं व अवशेषों की ‘पहचान एवं आयु निर्धारण की तकनीक’
उदयपुर (दिव्य शंखनाद)। विश्व विरासत दिवस (इंटरनेशनल डे फॉर मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स) के अवसर पर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से वार्षिक गाइड ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। व्याख्यान मालाओं का उद्देश्य सिटी पेलेस गाइड्स को संग्रहालयों से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी पुरातत्त्ववेता, इतिहासकारों, जानकारों आदि से दिलाने का रहता है।
इंटरनेशनल डे फॉर मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स के अवसर पर आरम्भ व्याख्यानमाला में सोमवार को नीरज त्रिपाठी का पहला व्याख्यान रखा गया। फाउण्डेशन की पूर्वा भाटिया ने व्याख्याता का परिचय प्रस्तुत करते हुए बताया कि त्रिपाठी जी 18 वर्षों से आर्कियोलॉजी एवं संग्रहालयों के क्षेत्र में कार्यरत हैं। वर्तमान में त्रिपाठी जी उदयपुर संभाग के आर्कियोलॉजी विभाग में अधीक्षक का पदभार पर सेवाएं दे रहे हैं।
मेवाड़ कला के साथ ही उन्होंने गंधर्व आर्ट, मथुरा आर्ट आदि के साथ ही हडप्पा, गुप्तकाल आदि की धरोहरों पर भी प्रकाश डाला। पूणे में पेशवा के महलों में लकड़ी के उपयोग तथा अहमदाबाद के कई क्षेत्रों में मकानों की फसाड में लकड़ी के सुन्दर उपयोग को समझाया। अंत में सवाल-जवाब हुए और महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के उप सचिव डॉ. मयंक गुप्ता ने त्रिपाठी जी को फाउण्डेशन की ओर से उपहार स्वरुप मेवाड़ की पुस्तकें भेंट की।