व्रज – वैशाख कृष्ण अमावस्या, शनिवार, 30 अप्रैल 2022
आज का श्रृंगार ऐच्छिक है.
- ऐच्छिक श्रृंगार उन दिनों में धराया जाता है, जिन दिनों के लिए श्रीजी की सेवा प्रणालिका में कोई श्रृंगार निर्धारित नहीं होता है
- इसकी प्रक्रिया के तहत प्रभु श्री गोवर्धनधरण की प्रेरणा सर्वोपरि है
- जिसके तहत मौसम के अनुसार तत सुख की भावना से पूज्य तिलकायत श्री की आज्ञा के अनुसार मुखियाजी के द्वारा श्रृंगार धराया जाता है
श्रीजी दर्शन:
- साज: आज श्रीजी में लहरिया की, रुपहली ज़री की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है
- गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है
- एक पडघा पर बंटाजी में बीड़ा व दुसरे पर झारीजी पधराई जाती है, सम्मुख में धरती पर त्रष्टि धरी जाती हैं
- वस्त्र:
- आज श्रीजी को लाल सफ़ेद लहरिया का पिछोड़ा धराया जाता है. यह वस्त्र रुपहली ज़री की किनारी से सुसज्जित होता है लेकिन किनारी दृश्यमान नहीं होती है
- ठाड़े वस्त्र हरे रंग के धराये जाते हैं
- श्रृंगार:
- आज श्रीजी को छोटा (छेडान का) का श्रृंगार धराया जाता है
- कंठहार, बाजूबंद, पौची, हस्त सांखला, कड़े, मुद्रिकाएं आदि सभी आभरण फिरोजा के धराये जाते हैं
- श्रीमस्तक पर लहरिया की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, क़तरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं
- श्रीकर्ण में मोती की लोलकबंदी-लड़वाले कर्णफूल धराये जाते हैं. कमल माला धरायी जाती है
- श्रीजी को फूलघर की सेवा में आज गूंजा माला के साथ श्वेत, गुलाबी एवं पीले पुष्पों की रंग-बिरंगी फूल पत्तियों की कलात्मक थागवाली दो मालाजी धरायी जाती हैं
- श्रीहस्त में कमलछड़ी, श्याम मीना के वेणुजी एवं वेत्रजी धराये जाते हैं
- प्रभु के श्री चरणों में पैजनिया, नुपुर व बिच्छियाँ धराई जाती है
- पट लाल गोटी मीना की धराई जाती है
- आरसी नित्य की चांदी वाली दिखाई जाती है
श्रीजी की राग सेवा के तहत आज
- मंगला: मथन दे बल गई मोहे दध
- राजभोग: आँगन खेलिए झनक मनक
- आरती: तेरो लाल लागो मोहे बुलाय
- शयन: मांगे री मोपे चन्द खिलौना
- पोढवे: सोवत नींद आय गयी
- श्रीजी सेवा का अन्य सभी क्रम नित्यानुसार रहता है जैसे कि- मंगला, राजभोग, आरती एवं शयन दर्शन में आरती उतारी जाती है
- नित्य नियमानुसार मंगलभोग, ग्वालभोग, राजभोग, शयनभोग में विविध सामग्रियों का भोग आरोगाया जाता है
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जय श्री कृष्ण
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